भारतीय वसुन्धरा पर प्रत्येक काल में एक से बढ़ कर एक विशिष्ट प्रतिभावों का जन्म हुआ है। उसी कड़ी में विगत वर्षों में एक नायाब व्यक्तित्व से भारतवासी मुखातिब हुए।

कुछ वर्ष पूर्व टेलीविजन पर एक 6 वर्षीय बालक ने अपने असाधारण ज्ञान की धूम मचा दी थी। प्रश्न कोई भी हो पलक झपकते जवाब उस बालक के पास हाजिर रहता था। वैसे तो अनेक टीवी चैनलों पर इस अद्भूत प्रतिभा (unique talent) का प्रोग्राम दिखलाया गया, लेकिन इंडिया न्यूज़ टेलीविजन (India News TV) ने जब जीनियस का टेस्ट लाइव नामक कार्यक्रम चलाया, जिसमें वह ताबड़तोड़ प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे, तो उसे देख देश-दुनिया के करोड़ों बच्चों को प्रेरणा मिली, आगे बढ़ने का जज्बा पैदा हुआ और सबसे बढ़कर यह कि दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में छुपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का अवसर प्रारंभ हुआ। इन विशिष्ट प्रतिभाधारी बालक का नाम है कौटिल्य पंडित (Kautilya Pandit)। प्रत्येक व्यक्ति की जुबान पर यह नाम तब से रहने लगा। यह सत्य है कि लाख प्रयास के बावजूद हर बच्चा कौटिल्य जी जैसा नहीं बन सकता है, लेकिन सीखने का गुण, योग्य मार्गदर्शन एवं बच्चे की मंशा के अनुरूप क्षेत्र का चुनाव कर उस दिशा में आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त करना अवश्य सरल हो जाता है, यह बातें कौटिल्य जी ने स्वयं अक्सर अपने कार्यक्रमों में करते रहते हैं।

हरियाणा प्रांत के करनाल जिले में कोहड़ (Kohad, Karnal, Haryana) गांव के रहने वाले कौटिल्य पंडित शुरुआत में गांव में कुछ वर्षों तक पढ़े, लेकिन वहां भी वह अपने असाधारण ज्ञान का लोहा मनवाते रहे जिस उम्र में सामान्यतः बच्चे खिलौनों को खेलने में मस्त रहते हैं। विविध विषयों पर असाधारण ज्ञान तथा विशिष्ट मेधा के स्वामी कौटिल्य पंडित पढ़ाई-लिखाई के साथ मनोरंजन हेतु काव्य रचनाएं करते हैं, गीत सुनाते हैं और कुछ खेल भी खेलते हैं , हां मोबाइल आदि खेलने से प्रायः बचते हैं।

अपने ज्ञान के बल पर ही आपको दुनिया के दर्जनों देशों में आमंत्रित कर लेक्चर देने के लिए बुलाया गया और सम्मानित भी किया गया। शासन तथा प्रशासन ने आपको अपना ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया। विश्व के अनेकों देशों की संसद में आपको आमंत्रित किया गया। देश के प्रत्येक क्षेत्र की हर बड़ी से बड़ी शख्सियत इस अलौकिक मेधा संपन्न प्रतिभा से मिलकर अपने को गौरवान्वित महसूस करती है। कौटिल्य पंडित को अनेक शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के मोटिवेशन के लिए लेक्चर देने हेतु आमंत्रित किया जाता रहता है।इसी प्रकार अनेक प्रशिक्षण आकादमियों में भी प्रशिक्षण रत अधिकारियों के बीच लेक्चर देने हेतु प्रायः आमंत्रित किया जाता रहता है। अभी तकरीबन 13 वर्ष की आयु में ही असाधारण प्रतिभा के स्वामी कौटिल्य पंडित न केवल स्कूली छात्रों अपितु युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।