मुंबईवासी श्री कुमार चटर्जी जी संगीत जगत का एक ऐसा नाम है जो आज संपूर्ण विश्व में संगीत के आध्यात्मिक पहलुओं के द्वारा हजारों मरीजों को असाध्य बीमारियों से निजात दिलाने का कार्य कर रहे हैं। कुमार चटर्जी (Kumar Chatterjee) जी कहते है “दरअसल संगीत एवं अध्यात्म, हिंदुस्तानी संस्कृति के सुदृढ़ स्तंभ हैं एवं भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान है”। आपका मानना है कि चिरकाल से ही संगीत मोक्ष प्राप्ति के साधन के साथ मन शांति, योग, ध्यान, मानसिक रोगों की चिकित्सा में भी प्रभावकारी तरीके से उपयोग होती रही है तथा इसके फलदाई प्रभाव प्राप्त हुए हैं। प्राचीन मनीषियों ने सृष्टि की उत्पत्ति ही नाद स्वर से मानी है तथा यह स्वीकार किया है कि संपूर्ण जड़ चेतन में नाद व्याप्त है। इसी कारण से नाद ब्रह्म भी कहा गया है
अनादि निधिनम ब्रह्मम शब्दत्वायददक्षरम।
विवर्टते अर्थ भावेन प्रक्रिया जग तोयतः।
अर्थात शब्द रूपी ब्रह्म , अनादि, विनाश रहित तथा अक्षर है एवं उसकी विवर्त प्रक्रिया से ही यह जगत भाषित है। इस तरह संपूर्ण विश्व अप्रत्यक्ष तौर पर संगीतमय है। दरअसल शास्त्र सम्मत तरीके से जो ध्वनि निकलती है वह रसों से सराबोर होती है और उसी को संगीत का नाम दिया जाता है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में तो इसका उदय ही वेदों से माना गया है।
कोलकाता में जन्मे कुमार चटर्जी जी को संगीत पारिवारिक संस्कार में ही मिला। संगीत की पढ़ाई करके आप मुंबई आ गए। चटर्जी जी संगीत विषय से डॉक्टरेट हैं, फलतः इस विषय पर आपको महारथ हासिल है। आपने संगीत के मूल तत्वों को खोजा और पाया कि यह तो हमारे शरीर को विकारों से मुक्त करने में काफी कारगर है, फिर क्या था आपने सबसे पहले इसका प्रयोग स्वयं पर किया जिसमें आपको आशातीत सफलता मिली। इससे उत्साहित होकर आप इस दिशा में और प्रयोग करने लगे और जबरदस्त लाभ मिलते गए। धीरे-धीरे आपकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी एवं आपके पास काफी संख्या में विविध प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त लोग आने लगे। आप संगीत में आध्यात्मिक मंत्रों का प्रयोग करके लोगों का इलाज करने लगे इससे अनेक बेहद खतरनाक बीमारियों में सुस्पष्ट लाभ दिखने लगा। इसका असर यह हुआ कि विदेशों में भी आप की खूब प्रशंसा होने लगी। कुमार चटर्जी जी ने अन्य देशों में भी अपने केंद्र स्थापित किए जहां से लोगों का इलाज करते हैं।
विश्व की अनेक सुप्रसिद्ध शख्सियतों के समक्ष आपके सैकड़ों कार्यक्रम हो चुके हैं तथा अनेक विश्व प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा आपको सम्मानित किया गया है। संपूर्ण विश्व में आपके कई हज़ार मरीज हैं जिन्हें आपकी संगीत एवं मंत्रोपचार (music & mantra therapy) से आराम मिलता है। आपने हिंदू एवं जैन धर्म के मंत्रों का संगीतमय प्रयोग करते हुए विश्व के हजारों-हजार ऐसे मरीजों का इलाज किया है जो घातक बीमारी जैसे कैंसर, पार्किंसन, अल्जाइमर आदि से पीड़ित हैं। 1 अक्टूबर 2013 को आपके इस असाधारण कार्य को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) (GBWR) में “स्वास्थ्य को संगीत एवं मंत्र से कायाकल्प करने” (rejuvenating health through music and mantra) शीर्षक के साथ यूनिक कैटेगरी में दर्ज किया गया। आपके इस गुण को विश्व के अनेक देशों में भी खूब सराहा एवं स्वीकार किया जा रहा है तथा संगीत से उपचार के जाने की पद्धति को तेजी से अपनाया जाने लगा है।