श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर सालंगपुर (Shree Kasta Bhanjan Dev Hanumanji Mandir, Salampur) ने विश्व कीर्तिमान स्थापित कर अपना नाम स्वर्णाक्षरों से गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज कराया है। कोरोना महामारी (Corona pandemic) के चलते विश्वभर में हुई असामयिक मौतों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के चलते मंदिर प्रबंधन द्वारा श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी के समक्ष सभी आत्माओं की शांति हेतु प्रार्थना उपरांत शांति-पत्र भेजे गए थे। आत्माओं के शांति हेतु प्रेषित हजारों के संख्या में भेजे गए पत्रों ने एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।
मंदिर प्रबंधन की ओर से श्री विवेकसागरदास स्वामी जी ने बताया कि सालंगपुर स्थित मंदिर में विराजित श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी के दुनिया भर में लाखों भक्त है। इस कोरोना महामारी ने बहुत से लोगों को अपनों से दूर किया है, ऐसे में भक्तों की ओर से अपने परिजनों की आत्मा की शान्ति एवं गति प्राप्ति के कामना के साथ मंदिर में हनुमान दादा के समक्ष प्रार्थना करने का बार-बार अनुरोध प्राप्त हो रहा था। इस स्थित में श्री हरिप्रकाशदास जी स्वामी जी (Shri Hariprakashdasji Swami) के मार्गदर्शन में सभी भक्तों के लिए नाम के साथ हनुमान दादा के समक्ष प्रार्थना करने के उपरांत परिवार को सांत्वना देने के उद्देश्य से डाक द्वारा शांति-पत्र भेजने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार कुल 13046 शोकाकुल परिवारों को श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर की तरफ से शांति-पत्र भेजे गए।
मंदिर से जुड़े श्री राजीव सोनी जी ने बताया कि मंदिर द्वारा सदैव जन-कल्याणकारी कार्य किए जाते रहे है, कोरोना लॉकडाउन के दौरान भोजन वितरण हो या बीमारों की सेवा, सभी कार्य पूर्ण सेवाभाव से किए जाते है। हजारों की संख्या में लोगों को पत्र भेज कर संवेदना व्यक्त करते हुए भगवान का आशीर्वाद पहुंचाने का जो कार्य किया गया था, यह अपने आप में एक बड़ी बात थी अतः सभी प्रमाणों के साथ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (GBWR) के एशिया हेड डॉ. मनीष विशनोई ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए बतलाया कि उपलब्ध प्रमाणों की विवेचना के पश्चात 13046 परिवारों को श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर की तरफ से शांति-पत्र भेजने के कार्य को Most condolence peace letters posted शीर्षक के साथ एक नए विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया जा रहा है। डॉ. विशनोई ने बताया कि मंदिर द्वारा पूर्व में भी 27 अप्रैल 2021 को महावीर जयंती मानने के लिए आयोजित कार्यक्रम “श्री हनुमान जन्मोत्सव” में 1163 किलो का लड्डू बनाया गया था जो बाद में भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया था इस विशालकाय लड्डू को भी गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में Largest serving of Laddu के शीर्षक के साथ दर्ज किया गया था।
नीलकंठ भक्त जी ने बताया, कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर, सालंगपुर, गुजरात में स्थित हनुमान जी का एक जागृत धाम है जो स्वामीनारायण मंदिर ट्रस्ट, वड़ताल द्वारा संचालित किया जाता है। यहां पर शनिदेव महाबली हनुमान जी के चरणों में नारी रूप में विद्यमान है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने पर शनिदेव हनुमान जी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते एवं हनुमान जी उनके कष्टों का भंजन अर्थात अंत कर देते है इसीलिए वे कष्टभंजन देव हनुमानजी के नाम से जाने जाते है।