वैज्ञानिक अनुसंधान में जुड़े हुए इस मनीषी द्वारा इतनी खूबसूरती के साथ चुटीली कविताओं का सृजन किया जाता है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या एक वैज्ञानिक भी इतना अद्भुत सुन्दर साहित्य लिख सकता है जो लोगों के दिलों को तारों को झंकृत कर दे? ऐसे नायाब गुणों के स्वामी हैं श्री पंकज प्रसून जी (Mr. Pankaj Prasun) जो विख्यात संस्था केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (Central Drug Research Institute, Lucknow) में तकनीकी अधिकारी के पद पर सेवारत हैं।

2 जनवरी 1984 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली के निवासी पेशे से चिकित्सक डॉ. कमलेश शुक्ला जी एवं श्रीमती विंध्यवासिनी देवी जी के आंगन में जन्मे श्री पंकज प्रसून जी के भीतर किशोरावस्था से ही काव्य के प्रति कोपले फूटने लगी थी। हाईस्कूल की उम्र तक आते-आते आपने कविताएं लिखना प्रारंभ कर दिया। धीरे-धीरे आपकी कलम छोटे-छोटे चुटकले एवं व्यंग आर्टिकल्स लिखने में प्रवीणता की ओर बढ़ने लगी।
कार्यक्षेत्र भले ही आपका विज्ञान से संबंधित रहा है लेकिन मन का एक कोना सदैव काव्य को ही समर्पित रहा। धीरे -धीरे आपकी चुटीली व्यंग्य कविताओं की मांग बढ़ने लगी। आपको देश-विदेश से बड़े-बड़े कवि सम्मेलनों में आमंत्रित किया जाने लगा एवं आपकी गणना देश के बेहतरीन व्यंगकारों में होने लगी। आज आप प्रतिष्ठित मंचों की शान बनने लगे हैं। अत्यंत ही प्रतिष्ठित मंचों के अलावा देश की शीर्षस्थ शिक्षा संस्थाओं मसलन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) एवं भारतीय प्रबंधन संस्थान (Indian Institute of Management) में भी आपको काव्य पाठ करने हेतु आमंत्रित किया जाता रहता है। प्रत्येक कवि का सपना होता है कि उसे लाल किला में काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया जाए, आपको वर्ष 2016 में लाल किला में काव्य पाठ करने हेतु आमंत्रित किया जा चुका है। क्योंकि श्री पंकज प्रसून जी एक वैज्ञानिक भी है इसलिए आपकी बहुत सी कविताये विज्ञान से संबधित होती हैं जैसे – कैसे बने सहारा दिल, ब्लड पम्पिंग का मारा दिल, प्यार घटता है, फैट बढ़ा है, कोलेस्ट्रोल का मारा दिल आदि।

काव्य पाठ के साथ-साथ पुस्तकों का लेखन भी आपके द्वारा किया गया है। जनहित में जारी, पंच- प्रपंच, खूब कही, व्यंग्य बत्तीसी, हंसते-हंसते रोना तथा परमाणु की छांव आपकी प्रमुख कृतियां हैं। आपको नित विविध सम्मानों से भी नवाजा जाता रहता है। उत्तर प्रदेश साहित्य संस्थान का अति प्रतिष्ठित अवार्ड, रांगेय राघव अवॉर्ड (Rangeya Raghav Award) वर्ष 2017 में आपको दिया जा चुका है। वर्ष 2018 में अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मान साहित्य श्री अवार्ड (Sahitya Shree Award) से भी आप भी विभूषित किए जा चुके हैं। आपकी पुस्तक परमाणु की छांव हेतु आपको बेहद प्रतिष्ठित अवार्ड के एन भाल सम्मान (Dr. K N Bhal Award) भी प्राप्त हो चुका है, आपकी यह कृति वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुकी है, जो अपने आप में नायाब उपलब्धि है ।आज आपका नाम व्यंग्य की विधा में देश के श्रेष्ठतम विद्वानों में शुमार है। पिछले दिनों आपको व्यंग विभूषण (Vyang Vibhushan) से भी सम्मानित किया जा चुका है एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय द्वारा आपको यंग अचीवर अवार्ड (Young Achiever Award) से भी सम्मानित किया गया है।