झुंझुनू ,राजस्थान में 31 दिसंबर 2006 को श्री वीरेंद्र क्यामसारिया जी के यहां जन्मी सुश्री निकिता कयामसरिया (Nikita Kyamsariya) ने अत्यंत छोटी सी उम्र में ही गुलाटी लगाने लगी,जिस उम्र में आमतौर पर बच्चे माता पिता की गोद में ही रहने में आनंदित होते हैं ।एक दिन अचानक पिता श्री वीरेंद्र क्यामसरिया जी की नजर बेटी को गुलाटी लगाते पड़ी तो आप देखकर दंग। दरअसल वह बेहतरीन तरीके से लगातार गुलाटी लगाए जा रही थीं। आपने बेटी के इस गुण की चर्चा परिचितों से की तथा कुछ समय बाद जिला खेल अधिकारी जी से भी की ।बेटी की खासियत देखकर वह भी चकित ,उन्होंने इस होनहार बेटी के गुणों का प्रदर्शन कराने हेतु, स्टेडियम में एक विशाल कार्यक्रम आयोजित कराया, जिसमें काफी संख्या में लोग देखने एकत्रित हुए और होनहार गुणों की स्वानिनी, निकिता को लाजवाब फ्रंट रोल करते हुए देख अचंभित। अब निकिता प्रतिदिन अभ्यास करने लगीं तथा दिनोंदिन उसकी प्रसिद्धि भी बढ़ने लगीं। 1 मिनट में वह 40 बार फ्रंट रोल करने लगीं, इसे देख कुछ हितैषियों ने इस खूबी को वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने हेतु पिता जी को बताया। पिता जी ने लिम्का बुक आदि में रिकॉर्ड दर्ज करवाया ।आगे चलकर श्री वीरेंद्र क्यासरिया जी ने बेटी की इस असाधारण खासियत को विश्व विख्यात वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने को सोचा ।इस हेतु उन्होंने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय से संपर्क किया समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत सुश्री निकिता का 2 जनवरी 2017 को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में नाम दर्ज हुआ 1 घंटे में 1211 फ्रंट रोल करने वाली अनोखी नन्ही परी के रूप में । इस होनहार की असाधारण उपलब्धि पर महामहिम राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित अन्य अनेक शख्शियतों द्वारा सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आमंत्रित करके गणमान्य हस्तियों द्वारा बेटी को सम्मानित किया गया ।श्री वीरेंद्र क्यामसरिय जी एवं माता श्रीमती सरोज देवी जी की यह लाडली आज पूरे राजस्थान प्रांत की शान बन गई है।