दो वर्ष की जिस छोटी सी आयु में सामान्य तौर पर बच्चे अपने परिवार जनों का ठीक-ठीक से नाम नहीं बता पाते उस आयु में नयागढ़, उड़ीसा के निवासी तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (Indian Agricultural Research Institute, Pusa) में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर सेवारत डॉ. तापस रंजन दास जी एवं श्रीमती आसीमा दास जी की सुपुत्री श्रीजिता दास (Shreejita Das) ने विभिन्न पौधों के वैज्ञानिक नामों (scientific names) को बताना शुरू कर दिया। छोटी सी उम्र में जितने फल -फूल, सब्जी आदि वह देखती, यहां तक की फिल्मों में भी जो पेड़-पौधे देखती या किसी पार्क में उन सब का वैज्ञानिक नाम जानने की कोशिश करती तथा उन्हें याद कर लेती। 7 मई 2012 को जन्मी कुमारी श्रीजिता दास (Shreejita Das) एक बार जिस पौधे का नाम याद कर लेती फिर उसे कभी नहीं भूलती और चाहे जितनी तेजी के साथ पूछे मगर वह तुरंत बताने लगती हैं। एक बार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुमारी श्रीजिता ने सब लोगों के सामने अनेक पौधों के वैज्ञानिक नाम बताये तो सब लोग बहुत आश्चर्य करने लगे, उसके बाद श्रीजिता के इस कार्य को देखकर मिडिया वाले भी अचरज में पड़ गए। आगे चलकर श्रीजिता के पेरेंट्स ने इस खासियत को वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का विचार बनाया।
माता – पिता ने विश्व विख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क कर आवेदन प्रेषित किया मात्र 4 वर्ष, 10 माह की आयु में इस विलक्षण बेटी ने 9 मिनट 20 सेकंड में 322 पौधों के वैज्ञानिक नाम (Botanical name) उनके जीनस एवं स्पीशीज (Genus & Species) सहित बताकर सबसे कम उम्र में सर्वाधिक पौधों के वैज्ञानिक नाम बताने (Youngest to recite scientific names of most number of plant incessantly) शीर्षक से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया, इसके पूर्व में 7 मिनट में 221 पौधों के नाम बता कर आप का रिकॉर्ड दर्ज हो चुका था। श्रीजिता दास ने आगे चलकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 17 जनवरी 2017 को मात्र 5 वर्ष 1 महीने की आयु में 13 मिनट 56 सेकंड में 441 पौधों के वैज्ञानिक नाम और उनके जीनस एवं स्पीशीज सहित बताकर यंगेस्ट टू रिसाइट साइंटिफिक नेम ऑफ मोस्ट नंबर आफ प्लांट इससेटली नामक शीर्षक से एक बार फिर से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराते हुए और विश्व रिकॉर्ड बनाया।
अभी कक्षा तीन में पढ़ रही इस होनहार छात्रा को वनस्पतियों के साथ-साथ जंतुओं के वैज्ञानिक नामों को याद करने का भी शौक है तथा उन्हें याद भी करती रहती है। इस काम के लिए श्रीजिता के पिताजी डॉ. तापस रंजन दास जी का बहुत बड़ा रोल है क्योकि सभी सवालों का जवाब देने के लिए आप को भी नेट पर रोज काफी समय देना पड़ता है, साथ ही श्रीजिता की माताजी श्रीमती आसीमा दास जी इन नामों को याद करने में सहायता करती है। इतनी अल्पायु में ही ऐसे असाधारण कार्य करने के कारण इस अद्भुत प्रतिभा संपन्न बेटी को अनेक सम्मानों से नवाजा जा चुका है तथा अपने से आयु में बड़ी लड़कियों के लिए भी आप रोल मॉडल बन चुकी हैं।