ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद आपकी तीन बार शिक्षक की सरकारी नौकरी लगी लेकिन सरकारी शिक्षक बनने के बजाय श्री सुंडाराम वर्मा जी (Mr. Sundaram Verma) ने खेती करने को अधिक तवज्जो दी और इस कार्य में लग गए। क्योंकि राजस्थान प्रांत जल संकट के लिए बहुत दिनों से जाना जाता है इसलिए आपने शुष्क खेती (Dry Farming) की तकनीक पर ज्यादा जोर दिया। आप ऐसी तकनीक विकसित करने में लगे रहे जिसके द्वारा 1 लीटर पानी से कोई पौधा तैयार किया जा सकता है और आपको इसमें सफलता भी प्राप्त हुई। राजस्थान के सीकर (Sekar, Rajasthan) के रहने वाले श्री सुंडाराम जी 1 लीटर पानी से पौधा तैयार करने की तकनीक खोजने में सफल हुए और राजस्थान सरकार के जल संरक्षण विभाग ने आपकी इस तकनीक को मान्यता प्रदान की। विश्व विख्यात कृषि वैज्ञानिक, भारत में हरित क्रांति (Green Revolution) के जनक परम श्रद्धेय डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन जी (Dr. M S Swaminathan) भी आपकी खासियत को जानकर अति प्रसन्न हुए और आपकी बहुत तारीफ की। हां यह अलग बात है कि आपको यह तकनीक विकसित करने में 10 वर्ष की कठोर साधना करनी पड़ी।
राजस्थान के सीकर जिले में दांतारामगढ़ उपखंड के गाँव दाता के रहने वाले श्री सुंडाराम वर्मा जी ने अनेक फसलों जैसे मिर्च, ग्वार, धनिया, काबुली चना, मैथी समेत 15 फसलों की करीब 700 प्रजातियों का संकलन कर गहन अध्ययन किया है और कम पानी तथा कम लागत में अच्छी पैदावार करने के गुण किसानों को सिखाते रहते हैं। श्री सुंडाराम जी के इस कार्य को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Indian Agricultural Research Institute) ने भी परखा तथा मान्यता प्रदान की है।
आप तकरीबन तीन दशकों से कृषि कार्य को सरल बनाने और उसमें नवाचार के प्रयोग में जुटे हुए हैं। आप आदर्श फसल चक्र (Crop rotation) का भी पालन करते हैं तथा किसानों को इसका अनुपालन करने के लिए जागरूक करते रहते हैं। साल भर में एक ही खेत से आप तीन फसलें पैदा करते हैं और एक हेक्टेयर से आप काफी लाभ अर्जित करते हैं। आपको समय-समय पर अनेक पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। वर्ष 1997 में कनाडा में आपको एग्रो बायोडायवर्सिटी अवार्ड (Agro Biodiversity Awards) प्रदान किया गया। वर्ष 1998 में आपको नेशनल स्तर पर बाबू जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार (Babu Jagjivan Ram Abhinav Kisan Puraskar) प्राप्त हुआ। राज्य सरकार द्वारा आपको वन पंडित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत के पहले कृषि विश्वविद्यालय गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (G.B. Pant University of Agriculture And Technology) ने भी आपको सम्मानित किया है। प्रगतिशील किसान सुंडाराम वर्मा अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कुल 16 पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। सुंडाराम भारत के अलावा अमेरिका और यूरोप में 11 शोध-पत्र भी लिख चुके हैं। कृषि जैव विविधता के आधार पर देशी किस्मों का एक बैंक भी तैयार कर चुके हैं।
देश के प्रति आपकी अतुल्य सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार ने 2020 में आप को पद्मश्री (Padma Shri) के अलंकरण से विभूषित किया।