योग भारतीय ज्ञान की पाँच हजार वर्ष पुरानी परंपरा में से एक है। हालांकि कई लोग योग को मात्र शारीरिक व्यायाम मान लेते हैं, दरअसल योग का अर्थ इन सब से कहीं व्यापक है, योगविज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया जाता है। योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ समायोजित किया जाता है। योग एक ऐसा विज्ञान है जो हमें जीने की कला सिखाता है। इस शब्द की जड़ संस्कृत शब्द “युज” है, जिसका अर्थ है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। महर्षि पतंजलि जी (sage Patanjali) ने योग सूत्र में परिभाषा दी है- ‘योग चित्तवृत्तिनिरोध’ अर्थात चित्त की वृत्तियों के विरोध का नाम योग है। इस बात के दो अर्थ हो सकते हैं- चित्त वृत्तियों के निरोध की अवस्था योग है अथवा इस अवस्था को लाने के लिए किए जाने वाले उपाय को योग कह सकते हैं। परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी (Sri Sri Ravishankar) कहते हैं योग सिर्फ व्यायाम और आसन नहीं है, यह भावनात्मक एकीकरण और रहस्यवादी तत्व का स्पर्श लिए हुए एक आध्यात्मिक ऊंचाई है जो सभी कल्पनाओं से परे की कुछ झलक देता है।
वर्तमान पीढ़ी में युवा वर्ग अच्छी से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर कैरियर तय करते हैं। इसी दिशा में हजारों-लाखों लोग इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई कर अपना कैरियर बनाते हैं। हरियाणा के निवासी श्री प्रदीप कुमार पातर जी (Mr. Pradeep Kumar Patar) चाहते तो बीटेक (B Tech.) करने के बाद सरकारी सेवा में अथवा निजी क्षेत्र में बेहतर मुकाम बना सकते थे, लेकिन आपने इन सब को त्याग कर योग (yoga) के क्षेत्र में रहकर सेवा करने का फैसला लिया। हरियाणा में हिसार के एक छोटे से गांव बिठमड़ा (Bithmada, Hisar, Haryana) में श्री मनीराम जी तथा श्रीमती बतेरी देवी जी के आंगन में 15 जुलाई 1988 को जन्मे श्री प्रदीप कुमार पातर जी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात अपने आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य श्रीयुत मास्टर पवन आर्य जी (Master Pawan Arya) तथा योग गुरु परम श्रद्धेय श्रीयुत वीर सिंह जी (Yog guru Veer Singh) के आशीष से सितंबर 2018 में योग के क्षेत्र में कदम रखा। आप कठिन साधना करने लगे, मात्र एक साल में ही आपने योग पर अच्छी पकड़ बना ली फिर धीरे -धीरे आपकी ख्याति बढ़ती गई एवं काफी दूर-दूर से आपको अनेक कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाने लगा। योग में आपने अनेक राज्य स्तरीय राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सफलता अर्जित की।
योग के क्षेत्र में काफी पारंगत होने के कारण आपने वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) बनाने का विचार बनाया तथा इस दौरान अनेक संस्थाओं में भी आपका नाम दर्ज हुआ। मगर आपकी ख्वाहिश थी कि विश्व विख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) में आपका नाम दर्ज हो, इसके लिए संस्था के कार्यालय से संपर्क कर रिकॉर्ड हेतु आवेदन प्रेषित किया। 30 अप्रैल 2020 को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में सर्वाधिक समय तक वक्रासन योग करने (Longest Performance of Vakrasan Yoga) 6 मिनट्स के लिए तथा सर्वाधिक समय तक कंड्यूट ग्रिप पर मयूरासन योग करने (Longest performance of Mayurasan Yoga on conduit grip) 1 मिनट्स तक करके अपना नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया। साथ ही अभी आप के अन्य रिकॉर्ड भी दर्ज होने की प्रक्रिया में हैं। आपकी इस असाधारण उपलब्धि की अत्यधिक प्रशंसा हुई तथा अनेक सम्मानों से आपको सम्मानित किया गया।
कोरोना की महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन (lockdown due to Corona pandamic) में जब लोग, अपना समय टेलीविज़न देखने या मोबईल में व्यतीत कर रहे थे वहीं आप आपने घर की वस्तुओं का प्रयोग कर रचनात्मक तरह से योग कर रहे थे, ताकि लोगों को प्रेरणा मिल सके और अपने समय का बेहतर उपयोग कर सके, इसके लिए आपने सोशल मिडिया प्लेटफार्म भरपूर प्रयोग कर लोगों के सम्मुख इन योग क्रियाओ को प्रस्तुत किया। आपके इन रचनात्मक प्रयोगों से प्रेरित होकर बड़ी संख्या में लोग योग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं तथा अब आपकी गणना अत्यंत प्रतिष्ठित शख्सियतों में होने लगी है।