योग गुरु पूज्य स्वामी रामदेव जी (Yog guru swami Ramdev ji) आज भारत ही नहीं वरन् पूरी दुनिया में योग के क्षेत्र के सबसे बड़े नाम है, उनके नाम पर बड़े-बड़े विश्व रिकॉर्ड्स दर्ज है एवं दुनिया उनसे योग सीखती है। जब कभी स्वामी जी स्वामी जी नौली क्रिया का प्रदर्शन करते है तो सभी के कैमरे उसे शूट करने को तत्पर हो जाते है, परन्तु जब एक 25 वर्षीय साधक को 1 मिनट में 118 बार नौली क्रिया (nouli yog practice) तथा 7 मिनट 32 सेकंड में 100 बार सूर्य नमस्कार करते योग गुरु पूज्य स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण जी ने देखा तो वह भी दंग रह गए।

राजस्थान प्रांत के टोंक जिले के बड़ा गांव के निवासी श्री रामरस चौधरी जी जिन्हें आज दुनिया योगी रामरस रामस्नेही जी (Yogi Ramras Ramsnehi) के नाम से जानती है वे कैशोर्य काल से ही योग की तरफ उन्मुख होकर इस संकल्प के साथ योग साधना प्रारंभ कर दिए कि भारत को विश्व गुरु बनाए जाने की दिशा में अपने स्तर से पूर्ण प्रयास करना है। गुरुजनों के सानिध्य में अभ्यास के साथ-साथ आप योग की विधिवत शिक्षा भी लेने लगे। आपकी अखंड साधना को देखकर मां श्रीमती संतरादेवी जी की ममता ने भी बेटे के संकल्प में सहभागिता निभाते हुए किसी पात्र में भोजन न करने का प्रण किया और वह वर्ष 2015 से हाथ में ही रख कर इस संकल्प के साथ भोजन कर रहीं हैं कि एक न एक दिन उनके सुपुत्र की योग साधना सूर्य के समान संपूर्ण विश्व में रौशन होगी। अपनी प्रचंड योग साधना के चलते श्री रामरस जी अब योगी रामरस रामस्नेही के रूप में प्रसिद्ध हो गए है। जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाने का फैसला लिया तो आपने भी योग में कुछ बड़ा करने का मन ही मन प्रण किया और लग गए योग साधना में। योगी रामरस जी सूर्य नमस्कार को सबसे प्रभावी योगासन मानते है, आपका मानना है कि बारह आसनों के संयोजन से बने सूर्य नमस्कार को प्रतिदिन करके हर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। आपने सूर्य नमस्कार का कठिन अभ्यास किया और सबसे तेज़ी से सौ बार सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन (fastest hundred suryanamaskar) करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में आवेदन भेजा एवं 10 फरवरी 2018 को 7 मिनट 32 सेकंड में 100 बार सूर्य नमस्कार का सफल प्रदर्शन विश्व रिकॉर्ड के रूप में स्वर्णाक्षरों में दर्ज भी हुआ।

आपकी प्रसिद्धि में चार चांद तो तब लगे जब 21 जून 2018 को 7 मीटर की धोती को 2 मिनट 20 सेकंड में पेट में लेकर सबसे द्रुत गति से वस्त्र धोती यौगिक क्रिया करने (fastest performance of vastra dhoti yoga), मात्र 1 मिनट में 118 बार नौली करने तथा 18 अगस्त 2018 को एंप्लॉयर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (Employers’ Association of Rajasthan) द्वारा जयपुर के आर्य ग्रुप ऑफ कॉलेज (Arya group of college) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ऑडिटोरियम में हजारों युवाओं के उपस्थिति में क्रमबद्ध तरीके से सर्वाधिक प्रकार की नैती क्रिया करके (most yoga based body purifying acts performed in a relay) वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (GBWR) में पुनः अपना नाम दर्ज करा कर समस्त बड़ागांव, टोंक वासी एवं राजस्थान का नाम फक्र से ऊंचा कर दिया। आपकी इस असाधारण उपलब्धि पर योग गुरु पूज्य स्वामी रामदेव जी, राजस्थान की तत्कालीन माननीया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया जी सहित अनेक प्रसिद्ध शख्सियतों सहित सैकड़ों संस्थाओं एवं हस्तियों द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है।

वर्तमान में योगी रामरस जी को देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक में प्रायः आमंत्रित किया जाता रहता है। योग में पोस्ट ग्रेजुएट की उपाधि धारण करने के बाद आप शोध की तरफ भी अग्रसर हुए और यह विशिष्ट योग साधक आज बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न के रूप में भी आने लगे हैं। एक साधारण से कृषक श्री मोहनलाल चौधरी जी के आंगन में 10 जून 1994 को जन्मे योग साधक श्री रामरस जी अपनी आभा से आज विश्व के अनेक देशों को प्रभावित करके वहां भी योग की रौशनी को प्रकाशित रहे हैं।