संपूर्ण विश्व को दशमलव से परिचित कराने वाला देश भारत प्रतिभाओं के अक्षय कोश में प्रत्येक काल में समृद्ध रहा है । गणितीय संदर्भ में दशमलव की महत्ता स्वमेव सिद्ध है, इसके कई हजार तक की संख्या के महत्व को याद करना किसी भारतवासी के ही बस की बात है। जयपुर के 16 वर्षीय, 12वीं कक्षा के छात्र अक्षत कांडपाल (Akshat Kandpal) ने ऐसा ही आश्चर्यचकित कर देने वाला कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर गणित के बड़े-बड़े दिग्गज भी दंग है। जयपुर के निवासी संजीव कुमार शर्मा एवं श्रीमती गीता शर्मा के इस होनहार बेटे ने अगस्त 2018 में ई के वैल्यू में दशमलव के बाद 10000 तक की वैल्यू याद करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में अपना नाम दर्ज कराया है । अक्षत जीअभी रेनबो विद्यालय जयपुर में कक्षा 12 की पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन इसी उम्र में मोटिवेशनल लेक्चर देने के लिए बड़ी-बड़ी संस्था में आमंत्रित किए जाते रहते हैं ।आपने अक्षत ट्रांसफॉर्मिंग लाइव नामक एक संस्था भी बनाई है इसके द्वारा विद्यार्थियों की याददाश्त को सहज भाव से बढ़ाने की ट्रेनिंग देते हैं ।आपने कम उम्र में ही ऐसी अनेक तकनीकी खोजी हैं जिसके द्वारा विद्यार्थियों को कम उम्र में ही याददाश्त को आसानी से बेहतर बनाकर उनकी कार्यक्षमता में आश्चर्यजनक वृद्धि की जा सकती है। अध्यापकों में भी रचनात्मक बदलाव लाने हेतु आप सेमिनार आयोजित कर उन्हें भी प्रशिक्षित करते हैं। अक्षत ने अपनी तकनीकों से कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी हार ना मानने का अद्भुत प्रयोग किया है मस्तिष्क में असाधारण क्षमता उत्पन्न करने का कारनामा कर दिखाया है ताकि जब कभी व्यक्ति असफलताओं से हताश निराश हो हार मान बैठता है या कभी-कभी अनेक छात्र गण आत्महत्या करने जैसा कदम उठा लेते हैं तो उन्हें ऐसी विकट हालात से उबरने में सहज भाव से मदद मिल सके। आपका कहना है कि हम अपनी कमियों से कैसे निराश न हो, सफलता वाले कारकों को पहचाने तथा असफलता को जीवन का एकमात्र सहारा न मान लें ।आप ऐसे लक्ष्य बनाकर कार्य कर रहे हैं कि किसी व्यक्ति को आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम न उठाना पड़े क्योंकि इस अनमोल जीवन को मात्र किसी एक असफलता से हारकर खो देना बुद्धिमान मनुष्य की पहचान नहीं है। इस प्रकार इस अल्प आयु में यह अनोखा छात्र विश्व के लिए मार्गदर्शक के रूप में जीवन ज्योति बनने की दिशा में आगे तेजी से बढ़ रहा है। उम्मीद है वह दिन दूर नहीं जब अक्षत खान जी अपने प्रयासों से अवश्य ही लोगों के अंदर की हीन भावना जैसे नकारात्मक कार्य पर विजय प्राप्त कर,जीवन में आगे बढ़ने के जज़्बे का सही नजरिया लोगों को दिखाने में कामयाब होंगे।