जिस प्रकार सैनिक देश की रक्षा करते हैं उसी प्रकार डॉक्टर पूरे समाज के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं। डॉक्टर जीवन के उद्धारकर्ता होते हैं। चिकत्सक जो सेवा समाज को दे सकते वो सेवा कोई दूसरा नहीं कर सकता। विभिन्न बीमारियों की दवाएं तथा उपचार जो पहले संम्भव नहीं थे, पर अब संभव हो गए है। चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथी एक ऐसी विधा है जिसने कई लाइलाज बीमारियों को ठीक कर दिखाया है, जिनका इलाज किसी अन्य पैथी से नहीं हो सकता था।
यदि स्वास्थ्य ठीक न हो तो सब धन, धूल समान लगता है, और वास्तव में समस्त संपत्ति, प्रसिद्धी व्यर्थ दिखती हैं, क्योंकि प्रत्येक संसाधन, सुविधा, उपलब्धता आदि का अंतिम निष्कर्ष शरीर से ही तो होता है तथा यदि शरीर ही सही नहीं है तो संसार की समस्त वस्तुएं, समस्त व्यवस्थाएं निरर्थक होती हैं। इसीलिए स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले हमारे चिकित्सक भगवान के दर्जे से नवाजे जाते हैं तथा उसके वह सही मायने में हकदार भी होते हैं। ऐसे चिकित्सकों की बहुत बड़ी संख्या है जो सेवा को सर्वोपरि मानते हैं।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद (Fatehpur, Uttar Pradesh) के निवासी डॉ अनुराग श्रीवास्तव जी (Dr. Anurag Srivastav) को मानव सेवा का पाठ माँ श्रीमती पद्मनी श्रीवास्तव जी ने दूध की पहली घूंट के साथ ही पिला दिया था जिसे और भी पुष्पित पल्लवित करने का काम चिकित्सक पिता श्रद्धेय डॉक्टर श्याम बिहारी श्रीवास्तव जी ने अपने संस्कारों से दिया। पिताजी की तरह श्री अनुराग श्रीवास्तव जी भी होम्योपैथिक चिकित्सा (Homeopathy) की पढ़ाई कर आमजन की सेवा में सन्नध हो गए। आप मात्र धनार्जन के लिए यह कार्य नहीं करते हैं अपित स्वयं घूम-घूम कर गरीबों, असहाय जनों का इलाज करते हैं। अधिकाधिक निर्धनों, बेसहारा लोगों का इलाज करने के उद्देश्य के तहत आप कैंप (free health camp) लगाकर इलाज करते हैं और दवाएं भी निःशुल्क प्रदान करते हैं। स्कूलों तथा गाँव में जाकर आप कैंप लगाकर छात्रों, ग्रामीणों के विभिन्न रोगों का इलाज विगत कई वर्षों से कर रहे हैं तथा बहुत बड़ी संख्या में अभी तक आपने लोगों का इलाज किया है।
एक दिन आपके एक मित्र ने यह ज़िक्र किया कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का निःशुल्क इलाज कर और उन्हें दवाएं प्रदान करने का तो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन सकता है। बस वहीं से आपके मन में यह भावना जागृत हुई कि क्यों न इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) दर्ज कराया जाए। शुभचिंतकों द्वारा जानकारी प्राप्त कर आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया एवं सभी निर्देशों का अनुपालन करते हुए आवेदन पत्र प्रेषित किया। आप द्वारा 9 सितंबर, 2017 से 17 मई, 2019 के बीच 149 होम्योपैथिक मेडिकल कैंप लगाकर हजारों लोगों को निःशुल्क होम्योपैथिक दवाएं प्रदान की। आपका यह कार्य बेजोड़ होने के कारण इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए जाने का अनुमोदन करते हुए लार्जेस्ट होम्योपैथिक मेडिकल कैंप कैंपेन (Largest Homeopathy Medical Camp Campaign) शीर्षक से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
डॉ. अनुराग श्रीवास्तव जी द्वारा एक चिकित्सक के रूप में तो अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया ही जा रहा है, इसके साथ-साथ समाज के सजग प्रहरी की तरह अन्य अनेक सामाजिक कार्य भी आपके द्वारा किए जाते रहते हैं। एक तरफ आप गरीबों को विभिन्न प्रकार की आवश्यक वस्तुएँ प्रदान कर उनकी हर तरह से मदद करते रहते हैं तो दूसरी तरफ जल संकट के प्रति, पर्यावरण संरक्षण के प्रति, वृक्षारोपण के प्रति जैसे अनेक कार्यों में आप निरंतर लगे रहते हैं।
कोरोना की भयानक आपदा के दौरान आप अपने डॉ सत्यनारायण सेवा फाउंडेशन (Dr. Satyanarayan Sewa Foundation) के तत्वाधान में अभी तक लगभग तीस हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क रोग प्रतिरोधक दवाएँ एवं भोजन वितरित कर चुके हैं, लॉकडाउन के समय हर दिन सुबह जल्दी उठकर गरीब और बेसहारा लोगों को फ्री में इम्युनिटी बढ़ाने की होम्योपैथी दवाइयाँ (immunity booster Homeopathy medicines) बांटकर मानवीय संवेदना की मिशाल पेश की और आज भी उसी तरह इस कार्य में लगे हुए हैं। आज आप युवाओं में एक यूथ आइकॉन (youth icon) बन गए है। आपकी साधना के चलते आपको अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। आपकी सेवा का दायरा किसी नियत भौगोलिक परिधि में नहीं मापा जा सकता अपितु उसका अत्यधिक विस्तार है। प्रदेश के बाहर अन्य प्रांतों में भी आप सेवाएं देते रहते हैं। आज आप एक जीवंत मिसाल बन चिकित्सक के रूप में भगवान के वाक्य पर सौ फ़ीसदी खरे सिद्ध हो रहे हैं। धन्य है, आपकी सोच और धन्य है, आपकी सेवा भावना।