पंडित श्री राजेंद्र जोशी (Rajendra Joshi) जी जिन्हें सभी आदर एवं स्नेह वश राजू महाराज (Raju Maharaj) के नाम से जानते हैं ने, वर्ष 2013 में अनवरत 216 घंटे अखंड श्री यज्ञ महालक्ष्मी महायज्ञ करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में अपना नाम दर्ज कराया है। नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले पंडित जी का जन्म मिनी मुंबई के नाम से विख्यात मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर में हुआ। प्रारंभ में तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने के कारण आप विविध प्रकार के तद्जनित कार्य किए लेकिन क्योंकि आपके पिताजी की गणना विश्व विख्यात ज्योतिषी में की जाती थी तथा उनका बड़ा सम्मान था इसलिए आपका भी झुकाव ज्योतिष एवं मानव सेवा की तरफ हुआ। बचपन से ही पारिवारिक वातावरण के चलते आपने भी ज्योतिष के पथ पर चलने का निर्णय लिया एवं धीरे-धीरे उस दिशा में तेजी से अग्रसर हुए। धीरे-धीरे आपकी प्रसिद्धि बढ़ती है और देखते-देखते दूर-दूर से लोग अपने दुख दर्द के निवारण हेतु आपके सानिध्य में आने लगे। आपने ज्योतिष की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की है तथापि ज्योतिष पर आपकी बेजोड़ साधना एवं अद्भुत पकड़ के चलते आप अपने पास आने वाले व्यक्ति से बिना कुछ पूछे ही उसकी संपूर्ण मुश्किलों को जान लेते हैं तथा उसके निवारण का तरीका सुझाते हैं। आपके परामर्श से धीरे-धीरे लोगों को लाभ मिलने लगा और आपके पास आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ ।पिताजी के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए आप कभी भी किसी से कोई धनराशि नहीं ग्रहण करते हैं अपितु आगंतुक द्वारा स्वेच्छा से जो कुछ रख दिया जाता है उसी को ग्रहण करते हैं ।आपने आमजन के कल्याणार्थ श्री लक्ष्मी नारायण सेवा समिति की स्थापना की है ,इसके द्वारा श्री लक्ष्मी नारायण निशुल्क अस्पताल स्थापित कराते हुए जनसामान्य का निशुल्क इलाज किया जाता है ।आप सदैव जनमानस के कल्याण और विभिन्न प्रकार के कार्य करने के साथ-साथ समस्त जीवो के सुमंगल हेतु गत दो दशकों से महायज्ञ का आयोजन प्रतिवर्ष करते हैं। इस प्रकार के अखंड आयोजन हेतु आप का वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी दर्ज हो चुका है। आपके ही सेवा भाव एवं मानव कल्याण का असर आप के सुपुत्र श्री तन्मय जोशी जी पर भी पड़ा है और वह भी पिताजी के ही पद चिन्हों पर चलने का संकल्प कर आपके मार्गदर्शन में जन कल्याण मे सन्नध है।