मनुष्य के जीवन को बचा लेना और रोगमुक्त कर देने से भी कीमती कोई और काम नहीं होता है इसीलिए चिकित्सक (Doctor) को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वर्तमान परिवेश में नित नूतन बीमारियां उत्पन्न हो रही है, लेकिन प्रसन्नता का विषय यह है कि आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से बीमारियों को जड़ समूल नष्ट करने में सफलता भी प्राप्त हो रही है। योग के क्षेत्र में आज क्रांति-सी आ गई है और देश में अनेक योग चिकित्सक एवं योग साधक लोगों को स्वस्थ कर योग का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
योग साधना एवं आयुर्वेद के प्रचार प्रसार को आगे बढ़ाने का उत्कष्ठ कार्य करने वाले डॉ. आर सी पटेल जी (Dr. R. C. Patel), सरदार पटेल योग एवं नेचुरोपैथी मेडिकल संस्थान (Sardar Patel Yog & Naturopathy Medical Institute) कानपुर में प्रबंधक के रूप में आसीन हैं साथ ही पटेल नेचुरोपैथी हॉस्पिटल कानपुर (Patel Naturopathy Hospital, Kanpur) सहित अनेक संस्थाओं से आप जुड़े हैं। योग की सेवाएं लेने हेतु आपको विदेशों में भी आमंत्रित किया जाता रहता है और साथ ही आपको समय-समय पर किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (King George’s Medical College) में लेक्चर के लिए भी बुलाया जाता है।
इस बेमिसाल शख्सियत के स्वामी डॉ आर सी पटेल जी का जन्म 8 जुलाई 1966 में पिता श्री रामनारायण सिंह एवं माता श्रीमती छेदी देवी जी के आंगन में हुआ था I एक छोटे से गॉव हरियापुर (फतेहपुर) के किसान परिवार में जन्मे पटेल जी बचपन से ही मेधावी छात्र थे एवं वे अपना अधिकांश समय पढ़ने लिखने में ही व्यतीत करते थे। आयुर्वेद (Ayurveda) एवं योग (Yoga) के प्रति शुरुआत से ही रुझान होने के चलते आपने उसमें डिग्री प्राप्त करने का सोचा, फलतः आयुर्वेद रत्न (Ayurveda Ratna), एम बी ई एच (M.B.E.H), डी एन वाई एस (D.N.Y.S) सहित आयुर्वेद एवं योग के क्षेत्र में कई डिग्रियां अर्जित की। शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत आप गरीबों, असहायों, निर्बलों की सेवा को लक्ष्य बनाकर उसमें लग गए। गाँव में जन्म लेने के कारण गरीबी, अशिक्षा सहित अनेक समस्याओं को आपने बहुत करीब से देखा था, इसलिए आप जानते थे कि गरीबों के सामने इलाज कराने की आर्थिक हैसियत भी नहीं होती है। इसीलिए आपने योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्थ करने का बीड़ा उठाया I लोगों को योग और आयुर्वेद का महत्व समझाया। आज भी आपके क्लिनिक पर सुबह से शाम तक लोगो की भीड़ लगी रहती है, क्योकि आप गरीबों से कोई पैसा नहीं लेते है।
स्वयं योग करते-करते एवं शिक्षण संस्थान में योग सिखाते हुए डॉ. पटेल जी को योग में महारथ हासिल हो गई है, इसलिए आपने इसमें वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) बनाने का सोचा। वर्ष 2017 में आपने इसी सिलसिले में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया। दिशा-निर्देश प्राप्त होने पर 19 जून 2017 को 3 घंटे, 33 मिनट, 33 सेकंड शीर्षंसान करके वर्ल्ड रिकार्ड (World Record) बनाने का आश्चर्यजनक कारनामा कर दिखाया तथा आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज हो गया। तब आपकी चारों तरफ खूब प्रसिद्धि हुई तथा अनेक सम्मानों से नवाजा गया। वर्ष 2018 में एक बार फिर आपने 2 घंटा, 42 मिनट, 26 सेकंड तक पद्मासन करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। वर्ष 2018 में ही आपने शलभ आसन करके 3 घंटा, 10 मिनट, 11 सेकंड करके पुनः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। आपकी खासियत को देखते हुए अनेक संस्थाएं आपसे जुड़कर गौरवान्वित महसूस करती हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है की आपने तो वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाये ही साथ अपने इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट्स को इसके लिए प्रेरित किया जिसके कारण इन तीन सालो में आपके पचास से भी अधिक स्टूडेंट्स भी योगा मे वर्ल्ड रिकार्ड्स बना चुके है। अभी हाल ही में, ग्लोबल स्तर पर हुई ऑनलाइन प्रतियोगिता में आपने योग में प्रथम स्थान प्राप्त कर, अपने शहर का नाम फिर रोशन किया है।
दृढ़-इच्छाशक्ति के स्वामी डॉ. आर सी पटेल जी ने 4 नवंबर 2001 से अन्न ग्रहण करना त्याग दिया है। आज 55 वर्ष की उम्र में भी आप सरदार पटेल योग एवं नेचुरोपैथी शिक्षण संस्थान कॉलेज में पढ़ाते है, क्लिनिक में भी टाइम देते है, फॉरएवर (Forever) कंपनी में सीनियर मैनेजर (Senior Manager) है, और साथ ही दैनिक सहानभूति पेपर (Dainik Sahanubhuti Paper) के ब्यूरोचीफ (Bureau Chief) भी है। पटेल जी एक और बड़ा काम कर रहे है, वो कानपुर सिटी के पास एक भव्य योग आश्रम (Yoga Ashram) भी बना रहे है जो कि योग को नए ऊचाई तक ले जायेगा। आज डॉ. आर सी पटेल जी की गिनती कानपुर ही नहीं देश के आभायमान सितारों में की जाती है।