पुलिस बल एक ऐसा निकाय है जो राज्य द्वारा निर्मित कानूनों को लागू करने, संपत्ति की रक्षा और नागरिक व्यवस्था को सुरक्षित रखने का कार्य करती है। पुलिस को प्रदान की गई शक्तियों में वैध बल का उपयोग भी शामिल है। जैसे-जैसे हमारी व्यवस्था विकसित होती गई उसी प्रकार विविध प्रकार के नए अपराध जैसे साइबर अपराध और विदेश से होने वाले अपराध, धोखाधड़ी जैसे अपराधों की संख्या में वृद्धि होती गई। साथ ही भ्रष्टाचार भी एक अपराध की श्रेणी में ही आता है जो की आज देश में संक्रामक रोग की तरह फैल चुका है। प्रत्येक परिस्थिति में पुलिस तंत्र असामाजिक तत्वों से, उनकी अराजक गतिविधियों से सुसंगत कायदे-कानून की परिधि में रहते हुए निपटने का पूर्ण प्रयास करता है। सामाजिक ताने-बाने का विशाल तंत्र एवं सामाजिक संस्थाओं की आपस में बुनी हुई गुत्थियां पारस्परिक सामंजस्य और सहयोग के आधार पर टिकी हुई होती हैं। अराजक तत्वों द्वारा जब इन संस्थाओं के बुनियादी स्वरूप से छेड़छाड़ की जाती है तो पुलिस तंत्र द्वारा उन्हें संभालने, सहेजने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की फौज होती है। यह सत्य है कि जिस तरह समाज के विभिन्न पक्षों में अमूल्यन दिखाई दे रहा है उसी प्रकार पुलिस तंत्र भी उससे अछूता नहीं रहा है। बावजूद इसके ऐसे अधिकारियों की कमी नहीं है जो गरीबों, मजदूरों, आमजनो के कल्याणार्थ अपने को समर्पित किए हुए हैं।

श्री अरविंद कुमार चौरसिया जी (Mr. Arvind Kumar Chaurasiya) उत्तर प्रदेश पुलिस तंत्र के ऐसे ही योग्य एवं संवेदनशील पुलिस अधिकारी हैं जो सेवा भावना से निष्ठ प्रति पल अपने को जनता की सेवा में लगाए रहते हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2014 में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयनित होने एवं फिर प्रशिक्षण के उपरांत जनपद अयोध्या (Ayodhya, UP) में आपकी नियुक्ति हुई। शुरुआती दिनों से ही अपनी कार्यशैली के चलते जनता के दिलों में उतरते चले गए। एक-एक कर जनपद की लगभग सभी तहसीलों में क्षेत्राधिकारी के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। प्रत्येक जगह आपके कार्य की सुस्पष्ट छाप पड़ी। कानून के दायरे में रहते हुए आपने अपराधों एवं अपराधियों पर ऐसा नियंत्रण रखा कि एक तरफ आपको अभूतपूर्व सफलता मिली तो दूसरी तरफ समाज के प्रत्येक वर्ग में अतिलोकप्रिय होते चले गए। अनेक उलझी हुई आपराधिक वारदातों को आपने ऐसे सुलझाया जिससे दोषी बच न सके और निर्दोष व्यक्ति प्रभावित भी न हो। आपकी इन्हीं खूबियों को देखते हुए अयोध्या जैसे संवेदनशील नगर के क्षेत्र अधिकारी का दायित्व सौंपा गया जिसका आपने बखूबी निर्वहन करते हुए उच्चाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों आमजन तथा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस के आंखों के तारा बन गए। दीपावली के शुभ अवसर पर प्रभु श्री राम जी की जन्म स्थली अयोध्या नगरी में शासन -प्रशासन द्वारा भव्य दीपोत्सव के आयोजन का फैसला लिया गया इसमें वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) भी दर्ज होना था। कार्यक्रम की भव्यता, विशालता तथा इसमें शामिल होने वाले अतिविशिष्ट मेहमानों के चलते पुलिस तंत्र के समक्ष भी सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं की चुनौती थी। उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में आपने ऐसे अभूतपूर्व कार्यक्रम को उत्कृष्टता के साथ सफल होने में बेहतरीन भूमिका निभाई, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हुई। इसी प्रकार 5 अगस्त 2020 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से भगवान श्री राम जी की जन्मभूमि के शिलान्यास के पावन अवसर पर आयोजित विश्व विख्यात कार्यक्रम के दौरान आप द्वारा बेहतरीन भूमिका निभाई गई, जिस पर आप को शासन द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।

7 अक्टूबर 1984 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद में पेशे से शिक्षक रहे श्री अंबिका प्रसाद चौरसिया जी एवं श्रीमती पुष्पा देवी जी की घर में जन्मे श्री अरविंद कुमार चौरसिया जी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ग्रामीण अंचल में करने के पश्चात इंजीनियरिंग से स्नातक की उपाधि ग्रहण की। कुछ समय अध्यापन करने के उपरांत तकरीबन ढाई वर्ष तक दिल्ली मेट्रो में अभियंता के रूप में भी आपने सेवाएं दी वहां भी सराहनीय सेवाओं के लिए आपको सम्मानित किया गया। कुछ समय तक आप भारतीय मानक ब्यूरो में भी सेवारत रहे। परिवार में कुछ समस्याओं के दौरान सम्यक रूप से प्रशासनिक सहयोग न मिलने के कारण मन व्यथित हो जाने के फलस्वरूप प्रशासनिक क्षेत्र में आकर लोगों की सेवा करने का विचार मन में आया। फलतः कठोर मेहनत के उपरांत पुलिस उपाधीक्षक के रूप में चयनित हुए। अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए आमजन के बीच बेहद लोकप्रिय श्री अरविंद कुमार चौरसिया जी को अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है। पुलिस विभाग में भी अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार एवं संवेदनशील अधिकारी के रूप में आपको देखा जाता है।