संतान के जन्म के समय सभी पिता उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं तथा बच्चे की कुशलता के लिए हर प्रयास भी करते हैं, लेकिन भिलाई निवासी श्री दीपक खरे जी (Mr. Deepak Khare) के आंगन में जब बेटी का जन्म हुआ तो नवजात पुत्री के स्वास्थ्य ने कुछ ऐसा किया जिसने खरे जी की जिंदगी को बदल के रख दिया।
श्री दीपक खरे जी के आंगन में जब 4 अगस्त 1986 को बेटी आस्था का जन्म हुआ तो नवजात पुत्री की तबियत बहुत नाज़ुक थी। डॉ. साहब ने चिंता व्यक्त करते हुए उसके कुछ और घंटे तक ही जीवित रह पाने की शंका व्यक्त की। दुखी होते हुए खरे जी ने निर्णय लिया कि बच्ची के नाखून काट कर रख लिए जाए जो सदा के लिए उसकी याद दिलाते रहेंगे। ईश्वर से उसके दीर्घ आयु की कामना की।अंततः दीपक जी की ईश्वर के प्रति आस्था की जीत हुई, बच्ची के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। इसे ईश्वर की आस्था की जीत मानते हुए एवं बेटी के प्रति अगाध आस्था होने के चलते आपने बच्ची का नाम “आस्था” रख दिया तथा इस घटना को चिर स्थायी रखने के उद्देश्य से हमेशा उसके नाखूनों को काटकर सहेजना शुरू कर दिया। आस्था बड़ी हो रही थी, मगर आपने बेटी के नाखूनों को काटकर सहेजना अनवरत जारी रखा। पिता के साथ बेटी की आस्था का रिश्ता बेहद खास और अनमोल था, पापा अपनी परी का हर पल ख्याल रखते थे, अक्सर देखा भी जाता है पिता, बेटी से सदैव ज्यादा लगाव रखते है वही लगाव दीपक जी का अपनी बिटिया रानी से था।
सरकारी सेवा में होने के कारण अलग-अलग स्थानों पर आप कार्यरत रहे लेकिन प्रत्येक जगह अभिनय और रंग धर्मिता से जुड़े रहे तथा कलात्मक गतिविधियों में सदैव रत रहे। साथ ही बेटी आस्था के नाखूनों को काटकर सहेजकर रखने का कार्य लगातार जारी रखा। इतने लंबे समय तक नाखून एकत्रित करने के कारण आपके मन में एकदिन अचानक विचार उत्पन्न हुआ क्यों न इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए इसके लिए आपने विश्वविख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) के कार्यालय में संपर्क किया तथा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत आवेदन पत्र प्रेषित किया और सितंबर 30, 2017; में अपने संतति के नाखून का सबसे बड़ा संग्रह करने (Largest Collection of Progeny’s Nails) शीर्षक से 8438 नाखूनों को एकत्रित करने का विश्व कीर्तिमान बनाया।
श्री मोतीलाल जी एवं श्रीमती लीलावती जी की गोद में जन्मे श्री दीपक जी लंबे समय से कलात्मक एवं रंग धर्म संबंधी क्रियाकलापों से जुड़े रहे है। आपने कई फिल्मों में भी अभिनय किया है। वर्ष 2005 में साथी कलाकारों के साथ 31 घंटे तक भजन गाकर वर्ल्ड रेकॉर्ड में पूर्व में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। अपनी असाधारण प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए एक बार फिर भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के साथ 17 दिसंबर 2018 में लांगेस्ट ड्राइंग ऑफ ट्रेन (Longest Drawing of Train) का रिकॉर्ड बनाकर अपना नाम पुनः गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (GBWR) में दर्ज कराकर अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया। आपके विभिन्न कार्यों को देखते हुए अनेक सम्मानों से आपको प्रायः सम्मानित किया जाता रहता है, तथा आज आप समाज के आभायमान् सितारे बन कर लोगो को प्रेरणा दे रहे हैं।