हिंदी साहित्य में ६लाख से भी अधिक दोहे लिखना ,48000 मुक्तक लिखना, महात्मा तुलसीदास के आशीष से प्रेरित 20 से अधिक प्रकार के चालीसा लिखना, जय गाथा महाकाव्य पर केंद्रित विश्व की सर्वाधिक बड़ी कविता लिखना, श्रीमद् भागवत महापुराण का अनुवाद 42000 दोनों के रूप में करना ,राम गाथा नाम से राम पर विश्व की सबसे बड़ी कविता की रचना करना, बच्चों के लिए 1000 से भी अधिक बालगीत लिखना वह भी बेहद सरल सुग्राहय स्वरूप में साथ ही बच्चों के लिए ही 500 से अधिक मुक्तक ओं की रचना करना, 1000 से भी ज्यादा गीत गजल आदि लिखना, मालवी भाषा में अनगिनत साहित्य रचना ,संस्कृत भाषा में अनेक मौलिक रचनाएं करना, बाल्मीकि रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता ,भागवत महापुराण ,दुर्गा सप्तशती सहित महाकवि कालिदास की सातों रचनाओं का दोहा में अनुवाद, 15 से अधिक मानद शोध पत्र, प्रणय पत्र नाम से विश्व के सबसे प्रणयपत्र की रचना करना, ऐसे अनगिनत आश्चर्यजनक लेखन के सूत्रधार का नाम है श्री डॉक्टर ओम जोशी (Dr. Om Joshi),जो बिना किसी प्रचार प्रसार की ख्वाहिश से एवं स्वार्थ लोभ आदि माया के प्रति रूपों से पूर्णत मुक्त एक समरस संत की तरह साहित्य की साधना में अनवरत रत रहते हैं ,हां ख्वाहिश बस इतनी भर है कि मां भारती का ललाम सदैव आभायमान रहे ,भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं साहित्यिक दुंदुभी पुनः संपूर्ण विश्व में बजे और हिंदुस्तान एक बार फिर विश्व शिरोमणि बन शिखरारूढ़ हो । 30 अगस्त को जन्मे मां सरस्वती के अद्भुत कोहिनूर के रूप में श्री जोशी जी 35 वर्ष तक आकाशवाणी में वरिष्ठ पद पर आसीन रहे ।वहां भी आपकी साहित्य मनीषा का डंका बजता रहा और लोगों ने आपकी साधना का लोहा माना। आपकी साहित्यिक महायज्ञ की ख्याति देश में ही नहीं अपितु विदेशों तक पहुंची और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में आपकी तपस्या दर्ज होकर भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। साहित्य के इस अटल पुजारी की खुशबू के खजाने में साहित्य से इतर भी अनेक रत्न भरे पड़े हैं जैसे कि आप शास्त्रीय संगीत के बेजोड़ मनीषी हैं ।आपकी इस मनीषा की प्रशंसा संगीत की विधा के अनेक विख्यात शख्सियतों द्वारा की गई है। आज तकरीबन 7 दशक के बसंत देख चुके इस साहित्य साधक ने अभी भी अनवरत 10- 10 घंटे साहित्य सर्जन जारी रखी