मदर टेरेसा के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वालों की बहुत बड़ी संख्या मौजूद है धरती पर क्योंकि उनके मानवता के प्रति कार्य इतने बेमिसाल रहे हैं।उसी के चलते विभिन्न देशों द्वारा उनके कार्यों के प्रति नमन करते हुए उनकी सेवा भावना को सदैव यादगार बनाए रखने के लिए तथा समाज के प्रति प्रेरणा पुंज के रूप में उनकी कीर्ति को अनंत काल तक सहेजे रखने हेतु विविध प्रकार के कार्य किए गए हैं, जैसे उन पर स्टांप जारी किए गए हैं, सिक्के जारी किए गए हैं आदि ।भिलाई निवासी श्री सी 0 विक्टर (C Victor) ने उस करुणा मूर्ति की यादों को सहेजने का अनूठा कारनामा किया है। आपने मदर टेरेसा पर जारी हर तरह के सिक्के स्टांप आदी का संग्रहण करने का अद्भुत कार्य किया है। आपके पास इस तरह का बेमिसाल और दुर्लभ संग्रह है, जिनकी प्रदर्शनी भी लगाई गई है। आप द्वारा यह कार्य विगत 3 दशकों से अधिक समय से किया जा रहा है ।इस विशाल संग्रह को देखते हुए आपके मन में एक बार यह ख्याल आया कि क्यों न इसका विश्व रिकॉर्ड बनाया जाए, इसी सिलसिले में आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय से संपर्क किया ,सब कुछ समझ कर वर्ल्ड रिकॉर्ड हेतु आवेदन पत्र भेजा ।क्योंकि आपका यह कार्य असाधारण, अनूठा, बेमिसाल एवं इकलौता था इसलिए 11 जुलाई 2016 को लार्जेस्ट कलेक्शन ऑफ मदर टेरेसा मेमोरेबल के रूप में आपका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया ।आपकी इतनी लंबी अवधि की तपस्या एवं उपलब्धि को देखकर सभी अचंभित हुए तथा आपको अत्यंत प्रतिष्ठित नजरों से देखा जाने लगा ।श्री सी0विक्टर जी इसी प्रकार बचपन से ही विभिन्न राजवंशों के सिक्कों के संग्रह के शौकीन रहे हैं और अति प्राचीन काल से लेकर अंग्रेजी शासन अवध तक के सिक्के एकत्रित किए हैं। छठी शताब्दी ईसा पूर्व गांधार राजवंश मौर्यकालीन , इंडो ग्रीक शासन के सिक्के ,शुंग शासन के ,सातवाहन राजाओं के, इक्ष्वाकु वंश के, विदर्भ राजाओं के, गुप्तकालीन सिक्कों का विशाल संग्रहण आपके पास मौजूद है। इसके साथ ही मध्यकाल के अनेक राजवंशों के सिक्के भी आपके संग्रहण में मौजूद हैं। आपका यह संग्रहण ब्रिटिश शासन काल के सिक्कों के प्रति भी जारी रहा एवं भारी मात्रा में अंग्रेजी शासन अवधि के सिक्के भी आपके पास हैं। पूर्व के रिकॉर्ड बनने के बाद आपने पुनः इस संग्रहण का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने के बारे में सोचा तथा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय से एक बार पुनः संपर्क कर आवेदन पत्र प्रेषित किया । इतना अनोखा संग्रहण विश्व में अन्य किसी के पास उपलब्ध न होने के कारण एक बार फिर से और 29,जनवरी 2017 को आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ ।आपकी इस असाधारण उपलब्धि पर चारों तरफ को प्रशंसा हुई। 29 जनवरी 1953 को श्री जे0 क्रिस्टो दास एवं श्रीमती थकम्मा जी के घर जन्मे श्री सी 0 विक्टर जी मानवता के गुणों से ओतप्रोत हैं ।आप भिलाई संयंत्र में बतौर मैनेजर कार्यरत रहे हैं तथा सेवानिवृत्ति के उपरांत अपने इसी कार्य में रत हैं।