छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संघ (Chhattisgarh Private University Association) द्वारा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ल जी (Dr. Shiv Varan Shukla) के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमे छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके जी (Ms. Anusuya Uikey, Governor: Chhattisgarh) शामिल हुए।

राज्यपाल सुश्री उइके जी ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. शुक्ल का संपूर्ण जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित रहा और आयोग के सदस्य एवं अध्यक्ष के रूप में निजी विश्वविद्यालयों को भी उनके अनुभवों का लाभ मिला। अपने संपूर्ण कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में सेवाएं दी तथा शिक्षाविद् के रूप में उनके कार्य विद्यार्थियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा से जुड़े संस्थान और शोधार्थियों के लिए भी अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि कर्मठ व्यक्ति के लिए कोई भी राह कठिन नहीं होती है और यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि डॉ. शुक्ल न केवल कर्मठ हैं, बल्कि अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते आ रहे हैं। ‘‘मन से की गई मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है’’ यह कथन डॉ. शुक्ल के जीवन से सीखा जा सकता है।

राज्यपाल सुश्री उइके जी ने कहा कि जो व्यक्ति पूरी तन्मयता के साथ कार्य करता है उसके लिए सभी चुनौतियां बौनी साबित होती है। उन्होंने अपने प्राध्यापक जीवन के दिनों का स्मरण करते हुए कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो और सबको समान अवसर भी प्राप्त हो। निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग (Chhattisgarh Private Universities Regulatory Commission) के अध्यक्ष के रूप में डॉ. शुक्ल ने ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिससे दीर्घकाल में आयोग के साथ-साथ छात्र भी लाभान्वित होंगे। सुश्री उइके ने डॉ. शुक्ल के स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए कहा कि बतौर शिक्षाविद् उनका योगदान सदैव अतुलनीय व स्मरणीय रहेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन श्री उमेश पटेल जी (Mr. Umesh Patel) ने भी विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शुक्ल के भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना की। मंत्री श्री पटेल जी ने कहा कि सेवानिवृत्ति किसी भी व्यक्ति के जीवन का पड़ाव मात्र है। सेवानिवृत्ति के बाद डॉ. शुक्ल अपनी रूचि का तथा रचनात्मक कार्य करें, हर्षित रहें, प्रफुल्लित रहें।

यह उल्लेखनीय है है कि डॉ. शिववरण शुक्ल जी कि अध्यक्षता मे छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने अनेकों उपलब्धिया हांसिल की है जिसमे आयोग का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) मे दर्ज करना भी शामिल है।

डॉ. शिववरण शुक्ल जी ने सम्मान समारोह के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे पूरे कार्यकाल के दौरान अलग-अलग समय पर सभी सहकर्मियों का भरपूर सहयोग मिला है। सभी निजी विश्वविद्यालयों के साथ व समन्वय से आयोग ने नये प्रतिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्ष के रूप में शिक्षा के बेहतरी के लिए सदैव प्रयत्नशील रहा हूं और सबके सहयोगात्मक भावना के कारण ही यह संभव हो पाया है। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके जी तथा उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल जी ने स्मृति चिन्ह देकर डॉ. शुक्ल जी को सम्मानित किया। साथ ही छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संघ ने भी राज्यपाल सुश्री उइके के एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटेल जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में सुश्री उइके जी द्वारा विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के स्मारिकाओं का भी विमोचन किया गया। भारती विश्वविद्यालय दुर्ग के ‘‘कार्य मंजूषा’’, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय एसोसिएशन के ‘‘ज्ञानामृतम’’, ए.ए.एफ.टी. विश्वविद्यालय रायपुर के ‘‘भारतीय ज्ञान एवं संस्कृति के वैश्विक परिदृश्य’’, डॉ. सी.व्ही.रमन विश्वविद्यालय का ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य एवं विश्वविद्यालय स्थापना महोत्सव एवं ‘‘छत्तीसगढ़ के आदिवासी युवाओं के विकास में निजी विश्वविद्यालयों का योगदान’’ नामक स्मारिका का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर निजी विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष श्री गजराज पगारिया जी (Mr. Gajraj Pagariya) सहित सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति एवं कुलसचिव उपस्थित थे। एसोसिएशन के सचिव श्री विनय अग्रवाल जी (Mr. Vinay Agrawal) ने आभार व्यक्त किया।