छत्तीसगढ़ एक कलाकार जिसके मन में ऐसा जुनून और तड़प कि अपनी उर्वर माटी की प्रतिभा, कला एवं विरासत के लिए ऐसा किया जाए कि सारा जग उसे देखें ।सैन्य अधिकारी पिता श्री लक्ष्मी प्रसाद तिवारी जी से प्रेरित होकर श्री सुनील सुनील तिवारी जी ने अपने पायलट बनने के सपने को तिलांजलि दे दी, जिसका अपने छात्र जीवन के बाद भोपाल स्थित एक संस्था से विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया था ।शिक्षिका रही माता श्रीमती शकुंतला तिवारी ने दूध की पहली घूंट के साथ शायद कला के प्रति प्रेम के पाठ को भी बेटे को पिला दिया था, तभी तो श्री सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) जी आज छत्तीसगढ़ की कला और कलाकारों को तराशने और एक मुकम्मल मुकाम तक पहुंचाने वाले अग्रदूत बन गए हैं। क्योंकि बचपन से मन में एक कलाकार का व्यक्तित्व था इसलिए आपने थिएटर ज्वाइन किया ,पार्श्व संगीत देने लगे, ढेर सारे आप के एल्बम निकले तथा अंततः अभिनय के क्षेत्र में पांव पांव रखा।
आज छत्तीसगढ़ की सरजमी से निकले शीर्षस्थ अभिनेता के रूप में आपको सम्मान प्राप्त है ।आपकी अनेक प्रसिद्ध फिल्में हैं जिनके माध्यम से आप छत्तीसगढ़ वासियों के दिलों में बस गए हैं। छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध फिल्मों जैसे माटी के लाल , अब्बड़ मया करथों , बैरी के मया ,गोलमाल, ऑटो वाले भाटो, कौशल्या में मुख्य अभिनेता का किरदार आपने निभाया है। इसके अतिरिक्त 10 छत्तीसगढ़ी फिल्म जय बमलेश्वरी मैया ,संगवारी, महतारी ,छत्तीसगढ़ महतारी ,चंदन बाबू ,चक्कर गुरूजी में आपने अत्यंत प्रसिद्ध संगीतकारों जैसे खुमान साव, बप्पी लहरी, संजय मैथिल ,दिलीप षडंगी ,चंद्रशेखर चकोर के संग पार्श्व गायन भी किया है ।बावजूद इन सबके आपके मन में एक कसक सदैव रहती थी कि छत्तीसगढ़ प्रांत है जो कला रूपी सम्पदा से काफी वैभवशाली है फिर भी इसे उचित स्थान नहीं मिल पा रहा है ।यहां की विभिन्न तरह की लोक कलाओं को सम्यक तरीके से प्रचारित प्रसारित करने में उपयुक्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं , जिसके कारण यहां की कला एवं कलाकारों की प्रतिभा को निखारने का अवसर नहीं मिल पा रहा है।
आप अपनी भावना को अंदर ही अंदर सुसुप्त नहीं रहना रहने देना चाहते थे इसलिए लग गए अपने मंसूबों को पुष्पित पल्लवित करने।आपने छत्तीसगढ़ की लोक कला को काफी निखारने का कार्य किया यहां के कलाकारों को लेकर जबरदस्त कार्य करना प्रारंभ किया ।इसी दिशा में वर्ष 2016 में श्री श्री रविशंकर जी द्वारा दिल्ली में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया तो आपने भी अपने कलाकारों को लेकर वहां प्रतिभाग किया एवं आपके योग्य मार्ग निर्देशन में 1350 पंथी डांसरों द्वारा अपने पंथी नृत्य से सभी को अपनी ओर आकर्षित कर अत्यंत ही प्रशंसा प्राप्त की ।इसी तरह वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ के स्काउट एवं गाइड विभाग द्वारा अपने विशाल कार्यक्रम में आपको अपनी प्रस्तुति देने को कहा गया तो आपकी तो जैसे मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई । कर्म को प्रधान स्वरूप में देखने वाले इस नायाब कोहिनूर के निर्देशन में करमा लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसमें 22345 स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग कर यह अदभुत कारनामा किया तथा 30 दिसंबर 2017 को आपका यह कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज हुआ।
आप द्वारा 100 से अधिक छत्तीसगढ़ी लोक गीतों का गायन किया गया है। विश्व हॉकी कप के उद्घाटन तथा समापन समारोह में पांच पांच सौ कलाकारों द्वारा आप के निर्देशन में लोक नृत्य की बेमिसाल प्रस्तुति दी गई। वर्ष 2015 16 में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन सत्र मैं प्रस्तुति दी गई और बीच में राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन हां समापन समारोह में 500 =500 कलाकारों द्वारा आपके योग्य निर्देशन में लोक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति भी दी गई। आपको विविध प्रकार के सैकड़ों सामानों से नवाजा जा चुका है ।वर्ष 1990 में महामहिम राज्यपाल महोदय मध्य प्रदेश श्री कुंवर महमूद अली खान जी तथा वर्ष 1990 में ही महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री आर वेंकटरमन जी के कर कमलों से आप को सम्मानित किया जा चुका है।