प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनि एवं विद्वतगण विभिन्न बीमारियों, असाध्य रोगों का इलाज जड़ी-बूटी, पौधों आदि से सफलतापूर्वक किया करते थे। शनै: शनै: विज्ञान की प्रगति के चलते एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ने प्रमुखता हासिल कर ली तथा आयुर्वेद एवं होम्योपैथी को इसने पीछे धकेल दिया। यह सत्य है कि एलोपैथी ने अत्यंत दु:साध्य रोगों का इलाज एवं विभिन्न अंगों की सर्जरी आदि करने में असाधारण सफलता प्राप्त की है, तथापि इससे होम्योपैथी जैसी कारगर विधा के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। शरीर के विभिन्न अंगों में पथरी के इलाज के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में भांति भांति की दवाई मौजूद हैं लेकिन स्थिति कठिन होने पर सर्जरी द्वारा ही उपचार हो पाता है जो काफी महंगी होती हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में पथरी को नष्ट करने हेतु काफी कारगर दवाएं हैं जो पथरी को समूल खत्म कर देती है तथा किफायती भी होती है।
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के निवासी डॉ हेमंत श्रीवास्तव (Dr. Hemant Shrivastava) जी आज अपने जनपदवासियों के लिए विशेषकर निर्बल, गरीब तबके के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। आप पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं एवं इसी विधा में आपने एमडी की डिग्री हासिल की हैं। शिक्षा प्राप्ति के उपरांत डॉक्टर श्रीवास्तव जी ने अपने गृह जनपद में एक छोटा सा क्लीनिक खोला जहां आपने अन्य बीमारियों के अतिरिक्त पथरी का इलाज होम्योपैथी दवाओं के द्वारा प्रारंभ किया। धीरे-धीरे आपने इसमें इतनी महारथ हासिल की कि बड़ी से बड़ी तथा कठिन से कठिन ऐसी पथरी को भी दवा से ठीक करने लगे जिनका उपचार मात्र ऑपरेशन से ही संभव माना जाता है। आपने दूरदराज ग्रामीण अंचल के हज़ारों गरीब लोगों को मात्र दवा देकर ही पथरी के कष्टकर एवं असाध्य रोग से मुक्त किया।
आपके विषय ज्ञान की महारथ एवं किफायती इलाज के कारण मरीजों का तांता लगने लगा, देखते-देखते आपकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी और मात्र कुछ वर्षों में ही आपने लगभग 30000 से भी अधिक पथरी के मरीजों को मात्र दवा खिलाकर स्वस्थ कर दिया। आपके इस अभूतपूर्व कारनामे को समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों ने भी प्रमुखता से प्रसारित किया, इस पर आपने अपने कार्य को वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का प्रयास करते हुए आवेदन किया। वर्ष 2016 में आपके इस कार्य को गहराई से जांचने-परखने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) की टीम महाराजगंज आई तथा सघन जॉच-पड़ताल के बाद गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (GBWR) में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से दवा खिलाकर सर्वाधिक मरीजों को स्वस्थ करने का विश्व रिकॉर्ड आपके नाम दर्ज हुआ। आज डॉक्टर हेमंत श्रीवास्तव जी की ख्याति जनपदीय सीमा से बहुत आगे जा चुकी है एवं आप इस क्षेत्र में नित नूतन सफलता अर्जित कर रहे हैं।