तकरीबन 25 वर्ष का एक युवा चित्रकार जिनके द्वारा बनाए गए चित्रों को देखकर भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भाव विह्वल हो उठे, भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर मंत्रमुग्ध हो गई और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के मुंह से बरबस निकल पड़ा वाह ।एक 25 वर्ष का युवा जिसने योग गुरु स्वामी रामदेव जी के सामने मंच पर लाखों लोगों की उपस्थिति में जब योग प्रारंभ किया तो दो ,चार घंटे नहीं अपितु पूरे 76 घंटे अनवरत कठिन से कठिन योग की विधाएं करता रहा, कपालभाति लाखों बार और 51 घंटे योग करके वर्ल्ड रिकॉर्ड की झड़ी लगा दी ।स्वाभाविक है कि मन में इन दोनों शख्सियतों के बारे में जान आ जाए। पहले चित्रकार का नाम है श्री महेश त्रिपाठी (Mahesh Tripathi) और दूसरे योगी का नाम है स्वामी महेश त्रिपाठी जी हां दोनों व्यक्ति दो न होकर एक ही व्यक्ति हैं, लेकिन इसे जानने पर किसी को भी भरोसा नहीं होता है की दो अलग-अलग विधाओं में एक ही व्यक्ति की इतनी पकड़ । लेकिन इस अद्भुत कारनामे को कर दिखाने वाले बेमिसाल व्यक्तित्व हैं उत्तर प्रदेश के जनपद सिद्धार्थनगर के रहने वाले स्वामी महेश त्रिपाठी जी जिन्हें अब स्वामी महेश योगी के नाम से पूरी दुनिया जानती है ।स्वामी महेश योगी (Swami Mahesh Yogi) ने बचपन से ही नायाब चित्रों को बनाना शुरु कर दिया आगे चलकर आपने इसी विषय पर पोस्ट ग्रेजुएट तथा एमफिल भी किया। आपने न केवल बेहतरीन कलाकृतियों को उकेरा अपितु चित्रों की एक से बढ़कर एक श्रृंखलाएं भी बनाई। देश विदेश के राजनेताओं ,खिलाड़ियों ,कलाकारों, वैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, साहित्यकारों सहित प्राकृतिक चित्रों को हजारों की संख्या में बनाया फिर आपके मन में यह विचार आया कि क्यों न इन सब का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराया जाए इस सिलसिले में आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय से संपर्क किया तथा आगे चलकर आपके अनेक वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हुए। आप के हुनर को सवारने में आपको योग्य गुरु, चित्र कला के क्षेत्र में विश्व की प्रथम डिलीट उपाधि धारी महिला पूजनीया डॉक्टर चित्रलेखा सिंह जी का सानिध्य मिला। चित्रों को बनाने का सिलसिला चल ही रहा था कि स्वामी महेश योगी ने योग करना भी प्रारंभ कर दिया तथा धीरे-धीरे उसमें रमते चले गए फिर क्या आप कई कई घंटे योग करने लगे आप न केवल योग करते अपितु उस पर काफी अध्ययन भी करते। वैसे तो एक बेहतरीन चित्रकार के रूप में आपकी काफी ख्याति हो चुकी थी लेकिन अब एक योग गुरु के रूप में आप अधिक प्रसिद्ध हो गए अनेक प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में आप को आमंत्रित किया जाने लगा क्योंकि आप घंटों तक योग किया करते थे फलतः आपने इस क्षेत्र में भी विश्व रिकॉर्ड बनाने को सोचा ।वर्ष 2016 में प्रख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव जी के समक्ष मंच पर लगातार 76 घंटे योग करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आपने अपना नाम दर्ज कराया। आगे चलकर आपने योग एवं चित्रकला में अनेक वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज दर्ज कराएं आप न केवल स्वयं योग एवं कला की साधना कर रहे हैं वरन दिव्य भारत निर्माण ट्रस्ट एवं सप्तरंग कला संस्थान स्थापित करके सैकड़ों अत्यधिक गरीब ,मूक-बधिर ,विकलांग, नेत्रहीन बच्चों को चित्रकला एवं योग में प्रशिक्षित कर उनके हुनर को निखारने में भी जुटे हैं। इन बच्चों की पढ़ाई लिखाई, खाना कपड़ा आदि की व्यवस्था आप स्वयं करते हैं और उन्हें अपनी संतान की तरह प्यार दुलार करते हैं भले ही आपके पास खुद के खाने के लाले पड़े रहते हैं क्योंकि ना तो आय का कोई ठोस साधन है और ना कोई शासन प्रशासन से ही मदद मिलती है बावजूद इन सबके आप अपने मंसूबे में तनिक भी विचलित नहीं होते हैं ।आप कहते हैं कि भारत देश में कितनी अपार प्रतिभाएं हैं कि इनके हुनर को निखारने की जरूरत है हमारा देश पुनः विश्व गुरु बन सकता है। अभी मात्र 30 वर्ष की आयु में आपने अपने इन बच्चों को निखार कर अब तक अपने खूद् के नाम 19 तथा बच्चों के नाम 32 कुल मिलाकर 51 विश्व रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं ।वर्ष 2019 में मेवाड़ विश्वविद्यालय में आपके बनाए गए चित्रों की श्रृंखला भी लगाई गई जिसका भी वर्ल्ड रिकॉर्ड गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज हुआ था ।आपके असाधारण व्यक्तित्व के समक्ष सम्मान व्यक्त करते हुए मेवाड़ विश्वविद्यालय ने स्वामी महेश योगी एक्सीलेंसी स्कूल ऑफ योग नाम से योग डिपार्टमेंट की स्थापना की है उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आप के सम्मान में आपके गांव का नाम महेश योगी नगर रखा है। चित्रकला एवं योग पर आप द्वारा अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं जो कई विश्वविद्यालयों के स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती है।