आज टेक्नोलॉजी की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में मात्र 15 वर्ष का एक छात्र एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में अपनी प्रामाणिक उपस्थिति दर्ज कराते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना ले इसे सुनकर बड़े-बड़े टेक्नोक्रेट्स को भी आश्चर्य होता है। इतनी छोटी सी उम्र में यह असाधारण कारनामा कर दिखाने वाले होनहार का नाम है पार्थ गुप्ता (Parth Gupta), जो गुजरात में अहमदाबाद के रहने वाले हैं और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। 26 जुलाई 1999 को जन्में पार्थ जी अपने स्कूली दिनों में तकनीकों में उलझे रहते थे और धीरे-धीरे सूचना क्रांति की बारीकियों में माथापच्ची करने लगे।इसे करते करते आप हैकिंग की गुत्थियों को भी जांचने परखने लगे तथा धीरे-धीरे इसमें पारंगत होते चले गए ।आपके इस गुण से जब लोग परिचित होने लगे तो बहुत लोग आपसे मिलने तथा स्वयं की सहायता हेतु आने लगे ।आपकी खासियत का तेजी से प्रचार हुआ और इस विषय पर स्पष्ट वैज्ञानिक एवं तकनीकी पकड़ के चलते आपको अनेक विशिष्ट लोगों के समक्ष भी अपनी योग्यता साबित करनी पड़ी, लेकिन आपने सदैव सफलता के झंडे गाड़े एवं एक सर्टिफाइड इथिकल हैकर के रूप में अपनी ख्याति बनाने में सफल हुए। आप इंजीनियरिंग के छात्र थे इसीलिए सूचना क्रांति से तकनीकी तौर पर जुड़े रहते थे इसी के चलते आपको जानकारी हुई की अपनी इस खूबी का वर्ल्ड रिकॉर्ड क्यों न दर्ज कराया जाए। इस हेतु आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया। समस्त जानकारी प्राप्त की तत्पश्चात वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आवेदन पत्र प्रेषित किया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा समस्त तकनीकी पहलुओं पर गहनता से जांच पड़ताल की गई तत्पश्चात मात्र 15 वर्ष 11 महीने 22 दिन की आय में 17 जुलाई 2015 को आपका नाम गोल्डन बुक में दर्ज हो गया।
वर्ल्ड रिकॉर्ड मैं आपका नाम दर्ज हो जाने पर आपकी ख्याति में चार चांद लग गए ।अहमदाबाद के अनेक बड़े-बड़े राजनेताओं, उच्चाधिकारियों तथा अन्य संभ्रांत लोगों द्वारा आपकी खूब प्रशंसा की गई तथा अब भारी संख्या में लोग आपके पास है इस दिशा में जानकारी सीखने, मदद मांगने हेतु आने लगे तथा दिनों दिन आप की मांग बढ़ने लगी ।अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत आपकी ख्वाहिश है कि इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया जाए तथा देश का नाम रोशन किया जाए। निजी क्षेत्र में सेवारत आपके पिता एवं माता को आज अपने लाडले पर गर्व है कि अब उन्हें उनके बेटे के नाम से पहचाना जाता है।