अभी दो वर्ष भी ठीक से उम्र नहीं हुई कि विविध विषयों के कठिन से कठिन प्रश्नों का पलक झपकते जवाब हाजिर। थोड़ी और आयु हुई तो सार्वजनिक मंचों पर इस अद्भुत प्रतिभा को देख सभी दंग, तीन वर्ष की अल्पायु से ही देश के मूर्धन्य कवियों, शायरों के साथ मंच साझा करते हुए अपनी कविता पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने लगे, पांच वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते ही इस नायाब प्रतिभा को देखकर बड़े-बड़े टेलीविजन चैनलों पर तहलका मच गया। छह वर्ष की आयु में काव्य संग्रह “उद्भव” प्रकाशित होने पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में “यंगेस्ट पोएट” के रूप में नाम दर्ज। नौ वर्ष की आयु में नौ अलग-अलग विषयों की पुस्तकें लिखकर यंगेस्ट मल्टीडाइमेंशनल राइटर के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (GBWR) में पुनः स्वर्णाक्षरों में नाम लिखा गया एवं आई बी आर में यंगेस्ट प्रोलिफिक राइटर के रूप में नाम दर्ज, अनेक शख्सियतों की बायोग्राफी लिखकर विश्व के सबसे अधिक बायोग्राफी लिखने वाले लेखक बने, रामायण के विभिन्न पात्रों पर अलग-अलग 51 पुस्तकें लिखकर पुनः गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Records) में नाम दर्ज एवं अभी हाल में ही भारत की आजादी में योगदान देने वाली महिला क्रांतिकारियों पर चालीस अलग-अलग पुस्तकें लिखकर एक बार पुनः अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
यह संक्षिप्त परिचय किसी वरिष्ठ साहित्यकार या बड़े पदधारी का नहीं है, वरन 12 मई 2007 को जन्मे “आज के अभिमन्यु” के रूप में विश्व विख्यात 12 वर्ष की आयु में ही देश-विदेश से कई सौ सम्मानौ से अलंकृत मृगेंद्र राज का है।
अयोध्या, उत्तर प्रदेश में जन्मे मृगेंद्र की असाधारण प्रतिभा से शैशव काल में ही सभी परिचित हो गए थे तथा उसी अवस्था से ही देश के अनेक शीर्ष राजनेताओं, पदाधिकारियों, संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाने लगा, कैशोर्यकाल तक आते-आते इस असाधारण प्रतिभा में और निखार आता गया तथा वर्तमान में बेहतरीन लेखक, अच्छे वक्ता, अद्भुत कवि तथा विभिन्न विषयों के प्रकांड विद्वान के रूप में मृगेंद्र राज (Mrigendra Raj) की गणना होती है।