केवल 4 मात्रा पर आधारित विश्व की सबसे छोटी गजल लिखना अपने आप में अजूबा होता है लेकिन यह कारनामा कर दिखाया है उज्जैन निवासी मोहम्मद आरिफ खान (Mo. Arif Khan) ने । 9 मई 1970 को भैरव गढ़ उज्जैन में बेहद गरीब परिवार में जन्मे आरिफ जी के जीवन में कठिनाइयों ने अपना गहन जाल तब और मजबूती से बिछा दिया जब आप कुछ ही महीने के थे तभी पोलियो की चपेट में आ गए । माता पिता अपनी क्षमता भर खूब इलाज कराए फिर भी शरीर का आधा हिस्सा पोलियो ग्रस्त हो गया, शरीर भले ही दिव्यांग हो गया लेकिन मनः मस्तिष्क से आरिफ जी प्रचुर धनी रहे। बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहते हुए आपने उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा शासकीय शिक्षक के रूप में नियुक्त हो गए। पढ़ने लिखने का शौक बाल्यकाल से ही था इसलिए नौकरी में आने के बाद आपने विविध विषयों पर लिखना शुरु कर दिया ,कहानियां लिखना, लघु कथाएं, फिल्मी गीत, गीत ,गजले लिखना, कविता लेखन, दोहे चौपाईयां ,हास्य व्यंग शोध परक लेखन सहित अन्य अनेक विधाओं पर आपकी सशक्त लेखनी चली अनेक लब्ध प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में मसलन समावर्तन, परिधि, पांचवा स्तंभ, आकांक्षा ,चवर्णा शुभ तरिका, नव निकष, निर्दलीय, समकालीन अभिव्यक्ति ,सरस्वती सुमन, नई दिशा ,शब्द प्रवाह, सरयू परिवार, पंजाब सौरभ ,सोच विचार, अक्षर शिल्पी , समलोक, हिमखंड, अनंतिम तुलसी मानस भारती ,प्राची प्रतिभा ,कथा सागर ,अंतरीप ,सांवली वीणा, लघुकथा अभिव्यक्ति ,वार्ता व्योम ,राग भोपाली आदि में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं आपकी कुछ मौलिक पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं जो हैं अर्थ के आंसू ,गांधीगिरी ,लाफ्टर के धमाल तथा बॉलीवुड फिल्मी नाम वाली कविता। बॉलीवुड फिल्मी नाम वाली कविता शायरी में आपने 1429 बॉलीवुड फिल्मी नामों का प्रयोग करके 1000 छोटी छोटी कविता एवं शायरी लिखी है, यह पुस्तक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुकी है। साल 2017 में आपने विश्व की सबसे छोटी गजल की रचना की जो मात्र 4 मात्राओं पर आधारित है क्योंकि यह विश्व की सबसे छोटी गजल है इसलिए आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने हेतु गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय से संपर्क किया ।आवश्यक जानकारियां प्राप्त करने के उपरांत आपने आवेदन किया तथा सम्यक जांच उपरांत 29 अगस्त 2017 में दुनिया की सबसे छोटी गजल लिखने के लिए आपका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में दर्ज हो गया इस असाधारण उपलब्धि पर आपको विभिन्न शख्सियतों एवं संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया भैरव गढ़ में मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण करने वाले जनाब महमूद हसन जी और बेगम जेबुन्निसा जी को यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि आगे चलकर उनका बच्चा पूरे प्रदेश की शान बनेगा। अपनी कर्मठता एवं सफलता से उत्साहित आरिफ जी पर्यावरण संरक्षण, पॉलिथीन विरोधी अभियान, पौधरोपण अभियान सहित अन्य तमाम अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करते रहते हैं
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