विश्वास तो दर्पण है- तोडो तो पहले जैसा रूप नहीं, जोड़ो तो पहले जैसा अक्स नहीं। by Newspositive ‹ Previous बात इतनी मीठी रखो की कभी वापिस लेनी पड़ जाए तो ख़ुद को कड़वी ना लगे। Next › छल में बेशक बहुत बल है, लेकिन माफ़ी आज भी अंतिम हल है। यक़ीन करना सीखो, शक तो सारी दुनिया करती है “इज्जत और तारीफ” मांगी नही जाती है, कमाई जाती है। Related Posts हर चीज वही मिल जाती है, जहाँ वो खोयी हो, लेकिन, विश्वास वहाँ कभी नही मिलता,जहाँ एक बार खो जाता है। जो हम कमाते हैं, उससे जीवन चलाते हैं। जो हम दूसरों को देते हैं, उससे हम जीवन बनाते हैं। "अच्छे लोग" बहुत ही सस्ते होते हैं। बस मीठा बोलो और खरीद लों ! शायद इसीलिए लोग उनकी "कीमत" नहीं समझते। विश्वास तो दर्पण है- तोडो तो पहले जैसा रूप नहीं, जोड़ो तो पहले जैसा अक्स नहीं। Facebook Twitter Gmail LinkedIn