आज “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” (Save girl child campaign) आदि नारों के साथ सरकार बेटियों के प्रति समाज को जागरूक एवं जिम्मेदार बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। नाना प्रकार के कार्यक्रम, विभिन्न प्रकार की योजनाएं बेटियों के लिए संचालित हैं। इनका गुणवत्ता परक प्रभाव भी समाज में दिखाई देने लगा है, फिर भी अभी भी बेटियों के सामने अनेक समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं, जिनका सामना अक्सर उनको करना पड़ता है। धीरे-धीरे समाज की सोच में व्यापक बदलाव आया है, इसके बावजूद अभी भी हमारी बहनों को विभिन्न तरह के शोषण का शिकार होना पड़ता है। समाज के इसी अंधकारमय पहलू से चिंतित होकर, महाराष्ट्र निवासी श्री मिलिंद गजानन नीला पोंकशे जी ने जाणीव चॅरिटेबल ट्रस्ट (Janeev Charitable Trust) नामक एक सामाजिक संस्था बनाई और बेटियों के हितार्थ अपने जीवन को समर्पित कर दिया। आपके इस कार्य में सुश्री आरती वाधेर (Aarti Wadher) नामक वीरांगना ने भी अपने आप को पूर्णरूपेण समर्पित कर दिया है तथा वह जी-जान से श्री मिलिंद जी के इस अभियान को सफल बनाने में समर्पित रहती हैं।

तकरीबन बीस वर्ष पूर्व श्री मिलिंद पोंकशे जी (Mr. Milind Ponkshe) ने देखा कि लड़कियों को अनेक प्रकार के शोषण का शिकार होना पड़ता है, इसमें शारीरिक शोषण प्रमुख है, मिलिंद जी को यह जानकर और भी अचंभा हुआ कि लड़कियों के शारीरिक शोषण करने वालों में सर्वाधिक उनके अपने करीबी लोग ही होते हैं और उनके खिलाफ लड़कियों बोल नहीं पाती। स्कूलों, कॉलेजों में भी शाब्दिक, सांकेतिक, क्रियात्मक रूप से उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ता है। लड़कियों की इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए मिलिंद जी ने स्कूलों, कालेजों आदि में घूम-घूम कर, लड़कियों के बीच जाकर लेक्चर देने का कार्यक्रम तय किया ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके एवं लड़कियां शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने की हिम्मत कर सके। अपने इस अभियान को व्यापक रूप से चलाने के लिए श्री मिलिंद पोंक्शे जी ने “जाणीव” संस्था बनाई एवं आरती जी इस संस्था में सचिव की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही हैं।

लड़कियों को सुरक्षा एवं अच्छे एवं बुरे स्पर्श (bad touch good touch) के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से श्री मिलिंद जी ने लेक्चर प्रारंभ करने का फैसला किया तथा 6 अगस्त 2015 को विरार स्थित अनुसुइया स्कूल में पहला लेक्चर आयोजित हुआ। 12 से 18 वर्ष की लड़कियों के बीच जाना, बाद में अन्य आयु वर्ग की बच्चियों के बीच भी जाना, उन्हें समझाना, बताना श्री मिलिंद जी एवं सुश्री आरती जी ने शुरू किया। आपने बच्चियों को संस्कारों के बारे में बताने, उनके मन से भय को निकालने तथा उन्हें शोषण के खिलाफ जागृत करने का महा अभियान शुरू किया। आपके इस कार्य में वहां की पुलिस का भी भरपूर सहयोग रहता है। जाणीव संस्था के तत्वाधान में आप स्कूलों, कालेजों में अनेक प्रकार के विषयों पर जैसे लड़कियों की सुरक्षा, गुड एवं बैड टच, लीडरशिप क्वालिटी, आई वांट टू बिल्ड माय कंट्री, स्टडी स्किल आदि विषय पर लेक्चर देते हैं। विविध विषयों पर अभी तक बहुत सारे लेक्चर आयोजित किए जा चुके हैं। एक दिन श्री मिलिंद जी के मन में विचार आया कि क्यों इस कार्य का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराया जाए, इस सिलसिले में आपने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क किया तथा आवेदन पत्र प्रेषित किया। आपके कार्यों की महानता को देखते हुए 3 अक्टूबर 2016 को जाणीव संस्था के बैनर तले श्री मिलिंद जी एवं सुश्री आरती जी के साधना के चलते पालघर जिला पुलिस महाराष्ट्र के सहयोग से महिला सुरक्षा पर 102वां लेक्चर आयोजित किया गया, इसे मिलकर संस्था द्वारा अब तक कुल 25000 से अधिक लड़कियों को जागरूक किया गया, यह कार्यक्रम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (GBWR) में महिला सुरक्षा के लिए सर्वाधिक वर्कशॉप्स आयोजन करने (most workshops organized on women protection) शीर्षक के साथ स्वर्णाक्षरों में दर्ज हुआ। वर्ल्ड रिकॉर्ड का यह सम्मान वास्तव में आपकी साधना का सम्मान था। इस असाधारण उपलब्धि पर श्री मिलिंद पोंक्षे जी की चहुं ओर प्रशंसा हुई तथा सभी ने आपके त्याग और साधना को सलाम किया। मिलिंद जी अपने कार्य को अनवरत बढ़ाते हुए जाणीव संस्था के तत्वाधान में अबतक 655 निःशुल्क वर्कशॉप आयोजित करवा चुके है। महिलाओं के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हुए वर्तमान में आपके द्वारा एक और नवीन अभियान चलाया जा रहा है एवं लोगों को अपने नाम के साथ माता-पिता दोनों का नाम जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।