ग़रीबो, असहाय, निराश्रितों के खेवनहार: तारा पाटकर जी

ग़रीबो, असहाय, निराश्रितों के खेवनहार: तारा पाटकर जी

उच्च कोटि के भोजन, आवास एवं वस्त्र की सुविधा से युक्त करोड़ों लोग भारत देश में मौजूद हैं लेकिन करोड़ों लोगों के लिए दो जून की रोटी, एक छोटा सा बसेरा एवं तन ढकने के लिए वस्त्र उपलब्ध कराने के लिए सोचने वालों का आज अभाव सा हो गया है। स्वयं की बेहतरी के लिए समस्त समाज आज...
नदी संरक्षण को समर्पित संस्था: गोमती मित्र मंडल समिति कुशभवनपुर

नदी संरक्षण को समर्पित संस्था: गोमती मित्र मंडल समिति कुशभवनपुर

जीवन की उत्पत्ति से लेकर मानव जीवन के विकास यात्रा की संपूर्ण कहानी में नदियों का योगदान, उनका महात्म्य रचा बसा हुआ है। अनेक विकसित संस्कृतियों का उत्थान और पतन नदियों के ऊपर ही निर्भर रहा है। वैसे तो धरा पर अनेकानेक नदियों का प्रादुर्भाव हुआ है जो छोटी-बड़ी विविध...
विज्ञान के भगीरथ: डॉ. मृदुल शुक्ल

विज्ञान के भगीरथ: डॉ. मृदुल शुक्ल

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने लोगों की मुश्किलों को कम करने, विविध प्रकार की सहूलियतें मुहैय्या कराकर दुश्वारियों को घटाने में भरपूर मदद की है। नित-नूतन अनुसंधान से वैज्ञानिकगण जीवन को समृद्ध, सरस और सुखी बनाने की दिशा में सतत प्रयासरत हैं। यह सत्य है कि देश की उन्नति...
अद्भुत कविका: एकता भारती

अद्भुत कविका: एकता भारती

प्राचीन काल से ही हमारे देश की खुशबू को आभायमान करने में मातृ शक्ति का अतुल्य योगदान रहा है। विभिन्न विधाओं में अनेक ऐसी देवियां हुई हैं जिनके योगदान को देश कभी भूल नहीं पाएगा। रतन, अनमोल घड़ी, जीनत, छोटी बहन, अनोखी अदा जैसी अनेक बेहतरीन फिल्मों के यादगार गीत लिखने...
पुरुषार्थी:  मनोज कुमार पांडे जी

पुरुषार्थी: मनोज कुमार पांडे जी

सामान्य सा व्यक्तित्व, मध्यमवर्गीय परिवार एवं गृहस्थी के मायाजाल वाले परिवेश में रहकर व्यक्ति किसी अन्य के लिए कुछ करना तो दूर स्वाभाविक तौर पर सोचने की स्थिति में भी आमतौर पर नहीं होता है। अमूमन व्यक्ति अपनों से ही नहीं उबर पाता है इसलिए औरों के लिए कुछ नहीं करता है।...
अवॉर्ड्स की शहजादी: कु० सृष्टि गुलाटी

अवॉर्ड्स की शहजादी: कु० सृष्टि गुलाटी

लीक छोड़ तीनहिं चले शायर, सिंह, सपूत। यह पुरानी लोकोक्ति है लेकिन अब इसमें सुधार किया जाए तो अनउपयुक्त नहीं होगा। आज बेटियां भी सिंहनी बन किसी सपूत से तनिक भी कमतर नहीं है। अलबत्ता स्थिति तो यह है कि अनेक क्षेत्रों में लड़कों से दो कदम आगे ही दिखाई देती हैं। इसी मानक...
दो नन्ही परियों का योग में अनोखा कारनामा: आराध्या एवं सानवी

दो नन्ही परियों का योग में अनोखा कारनामा: आराध्या एवं सानवी

तीन या चार वर्ष की आयु माता-पिता की गोद में झूला-झूलने की, विविध प्रकार की फरियाद करने की, उन्हें पूरा करने के लिए जिद करने की, दुनिया से बेफिक्र अलमस्त रहने की तथा माँ-बाप में ही समस्त संसार देखने की व दुनिया-जहान का सुख महसूस करने की उम्र होती है। अब इस छोटी सी उम्र...
लेखनी में जिनके समाया है दर्द का समंदर: डॉक्टर कुसुम मानसी द्विवेदी

लेखनी में जिनके समाया है दर्द का समंदर: डॉक्टर कुसुम मानसी द्विवेदी

“मेरा-मेरा ही होता था बाकी सब हिस्सा बंटता था” जिनके जीवन में माता-पिता का प्यार इस कदर समाया था तो भला उन्हें इस बात का कैसे भान होता कि आगे चलकर परमपिता परमेश्वर उनके डगर को काफी कंकरीली-पथरीली करने जा रहे हैं। अयोध्या जनपद के मिल्कीपुर तहसील के अंतर्गत...
संगीत और योग के अनोखे आचार्य: डॉक्टर बलराम आर्य

संगीत और योग के अनोखे आचार्य: डॉक्टर बलराम आर्य

संगीत (Music) अपने आप में बेमिसाल साधना होती है और इससे जुड़ा साधक एक योगी ही होता है। भारतीय धरती पर ऐसे-ऐसे साधकों का जन्म होता रहा है जो एक साथ एक से अधिक विधाओं में प्रवीण होते हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में मिर्जापुर गाँव (Mirzapur, Faridabad, Haryana) के निवासी...
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