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- "बहस" और "बातचीत" में एक बड़ा फर्क है "बहस" सिर्फ़ यह सिद्ध करती है, *कि "कौन सही है" । जबकि "बातचीत" यह तय करती है,कि "क्या सही है"।
- यदि आप के चंद मीठे बोल से किसी का रक्त बढ़ाता है तो यह भी "रक्तदान" है। यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह "श्रम दान" है। यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लेते हैं कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह "अन्न दान" है।
- हमे जो मिला है, हमारे भाग्य से ज्यादा मिला है यदि आपकी पाँव में जूते नहीं हैं तो अफसोस मत कीजिये दुनियां में तो कई लोगों के पास पाँव ही नहीं है।
“दुनिया की लगभग हर चीज सिर्फ ठोकर लगने से ही टूट जाती है, सिर्फ एक कामयाबी ही है, जो ठोकर खाने के बाद ही मिलती है।”