इसमें कोई संदेह नहीं है कि गणित, संख्याओं का विज्ञान, कई सैकड़ों वर्षों में भारतीय गणितज्ञों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए बहुत बड़ा ऋणी है। शून्य से लेकर ज्यामिति तक, भारतीय गणितज्ञों ने कुछ महान ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं। सच कहूँ तो, भारतीय अंकों के बिना, गणित, जैसा कि हम आज जानते हैं, अस्तित्व में ही नहीं होगा। भारत में संख्याओं के प्रति आकर्षण की ऐतिहासिक और पौराणिक दोनों तरह की एक लंबी परंपरा रही है। प्राचीन भारत में, गणित को सर्वोच्च विज्ञानों में से एक माना जाता था। हमें बचपन से पहाड़े (Tables) याद करने के लिए कहा जाता हे पर अधिक से अधिक कोई कितने तक पहाड़े (Tables) याद कर पाता है ? जहा आज की पीढ़ी छोटी से छोटी गणना के लिए आधुनिक संसाधन जैसे मोबाइल और कैलकुलेटर पर निर्भर होती जा रही हे, वही भारत में एक ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने अपनी गणित व गणना की कला से भारत के वैदिक गणित पद्धति को पुनः श्रेष्ठ सिद्ध किया।
भारत में राजस्थान के एक छोटे से गाँव लम्पोलाई, नागौर (Limpolay, Nagour, Rjasthan) के एक किसान की गणित के बड़ी से बड़ी गणना को पलक झपकते हल कर देने की कला आपको चकित कर देगी, राजस्थान के 78 वर्षीय श्री तुलछाराम जाखड़ (Tulchharam Jakhar) जी की ये अविश्वसनीय कला सबको उस वक्त और भी आश्चर्यचकित कर देती हैं, जब ये पता चलता है की तुलछाराम जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं की हैं, वे सिर्फ कक्षा चौथी तक ही स्कूल गए हैं। गणित के क्षेत्र में काफी पारंगत होने के कारण आपकी ख्वाहिश थी कि विश्व विख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) में आपका नाम दर्ज हो, इसके लिए संस्था के कार्यालय से संपर्क कर रिकॉर्ड हेतु आवेदन प्रेषित किया। 28 अक्टूबर 2022 को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में “वर्गमूल की सर्वाधिक संख्या की मानसिक गणना” (Most Number’s Mental Calculation of Square Root) में दस हजार तक वर्गमूल तथा “सर्वाधिक सारणियों की भिन्नो में मानसिक गणना” (Mental Calculation of Most Table in Fraction) में आपने 1/2 ,1/4, 3/4 तक के पहाड़े (Tables) की भी मानसिक गणना करके गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) में स्वर्णाक्षरों से अपना नाम अंकित किया।
तुलछाराम जी एक से लेकर दस हजार (10,000) तक किसी भी संख्या का पहाड़ा (Table) मौखिक ही सुना देते हैं, उदाहरण के तौर पे मान लेते हैं कि हमने उनसे कहा संख्या 2435.25 अथवा 7632.5 या 9375.75 का पहाड़ा सुनाये और वो पलक झपकते ही बोलना शुरू कर देते हे जब तक आप कैलकुलेटर में जांच करेंगे आप देखेंगे जब तक वो अपना पहाड़ा पूरा सुना चुके होंगे, सिर्फ इतना ही नहीं लाखो तक की संख्याओ को जोड़ना, घटाना व गुणा-भाग करना ये सबकुछ भी वो मौखिक रूप से हल कर देते हैं। और साथ ही बड़ी से बड़ी संख्या का वर्गमूल (Square Root) भी वो आपको तुरंत बता देंगे. तुलछाराम जी से जब पूछा गया की उनको इतने पहाड़े याद कैसे हैं तो उन्होंने जानकारी दी की उन्हें कुछ याद नहीं हैं वह तुरंत ही कैलकुलेशन करके आगे बोलना शुरू कर देते हैं। आपकी इस कला से प्रभावित होकर आपको कई सम्मान दिए गए हैं।