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उत्तम से सर्वोत्तम वहीं हुआ है जिसने आलोचनाओं को सुना है और सहा है।
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गलत व गलती मे बहुत छोटा फर्क होता है! गलत सदा गलत नीयत से ही संभव होता है जबकि, गलती सदा भूल वश होती है! इसलिये गलतियाँ तो कीजिए, पर गलत किसी के साथ मत कीजिये !
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जीवन तो बांसुरी की तरह है, इसमें बाधा रूपी कितने ही छेद क्यों ना हो, लेकिन जिसे बजाना आ गया, समझो उसे जीना आ गया।
“जीवन” को इतना शानदार बनाओ की आपको याद करके किसी “निराश व्यक्ति” की आखों में भी चमक आ जाए।