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- "सवेरा तो रोज ही होता है परन्तु शुभप्रभात क्या होता है?" "जीवन में जिस दिन आप अपने अंदर की बुराईयो को समाप्त कर उच्च विचार तथा अपनी आत्मा को शुद्ध कर दिन की शुरुआत करते हो वही दिन शुभप्रभात होता है"।
- विश्वास तो दर्पण है- तोडो तो पहले जैसा रूप नहीं, जोड़ो तो पहले जैसा अक्स नहीं।
- रिश्तों मे तकरार का एक ही कारण है, मैं सही, तुम गलत। कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है। बोलने वाले को भी और चुप रहने वाले को भी। इसलिए वास्तव में वही समझदार है, जिसे ये ज्ञान हो जाये कि कहां बोलना है और कहां चुप रहना है।
गुस्सा करने के बदले रो लेना अच्छा है कि गुस्सा दूसरों को तक़लीफ़ देता है जबकि आंसू चुपचाप आत्मा में से बहकर हृदय को स्वच्छ करते हैं।