वर्ष 1982 की फिल्म” प्रेम रोग” में आपने “मेरी किस्मत में तू नहीं शायद” और “मैं हूं प्रेम रोगी” गीत गाकर फिल्म जगत में सभी को अपना मुरीद बना लिया था। इस फिल्म में श्री ऋषि कपूर जी के साथ आपकी आवाज इतनी जमी कि श्री ऋषि कपूर जी की फिल्मों के गीतों के लिए आपको ही चुना जाने लगा। अगले कुछ सालों में श्री सुरेश वाडकर जी ने कई बड़े-बड़े संगीत निर्देशकों के लिए गीत गाए इनमें “हाथों की चंद लकीरों का”, “हुजूर इस कदर भी न”, “गोरों की न कालों की” “ये जिंदगी गले लग जा” और “लगी आज सावन की” जैसे कई विख्यात गीत शामिल हैं।
श्री सुरेश वाडकर जी (Mr. Suresh Vadekar) का जन्म 7 अगस्त 1955 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर (kolhapur, Maharashtra) में हुआ था, आपको बचपन से ही गायकी का बेहद शौक था। 10 वर्ष की आयु से ही आपने गुरुदेव पंडित जियालाल बसंत जी से विधिवत संगीत की शिक्षा लेना प्रारंभ कर दिया। 20 वर्ष की आयु में श्री सुरेश वाडकर जी ने संगीत की प्रतियोगिता सुर श्रृंगार (Sur Shringar) में भाग लिया जहाँ संगीतकार श्री जयदेव जी और श्री रविंद्र जैन जी बतौर जज के रूप में उपस्थित थे। आप दोनों ने श्री सुरेश वाडकर जी की आवाज को सुना और अति प्रभावित हुए और आपको फिल्मों में पार्श्व गायन का भरोसा दिलाया। श्री रविंद्र जैन जी ने राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म” पहेली” में उनसे पहला फिल्मी गीत “वृष्टि पड़े टापुर टूपुर” गवाया था। इसके बाद श्री जयदेव जी ने फिल्म “गमन” में “सीने में जलन” नामक गीत गाने का मौका दिया जिससे आपको अपार लोकप्रियता प्राप्त हुई। इसके बाद आपने फिल्म जगत की विख्यात शख्सियत श्री लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी के लिए वर्ष 1981 में फिल्म “क्रोधी” में “चल चमेली बाग में” और “प्यासा सावन” में “मेघा रे मेघा” नामक गीत भारत रत्न आदरणीया लता मंगेशकर जी के साथ गाया। लंबे अंतराल के बाद आपने फिल्म “माचिस” में “छोड़ आए हम” और “चप्पा चप्पा चरखा चले” जैसे गीत गाए जो आधुनिक पीढ़ी को अत्यंत पसंद आए। वर्ष 2000 के दशक में सुरेश वाडकर जी ने विख्यात संगीतकार विशाल भारद्वाज जी के साथ काम किया तथा फिल्म सत्या, ओमकारा, कमीने एवं हैदर जैसी अनेक बेहतरीन फिल्मों में गीत गाए।
श्री सुरेश वाडकर जी ने हिंदी और मराठी के अलावा कुछ गीत भोजपुरी और कोंकड़ी भाषा में भी गाए हैं। आपने वर्ष 1998 में “शिव गुणगान”, वर्ष 2014 में “मंत्र संग्रह” तथा वर्ष 2016 में “तुलसी के राम नामक” भक्ति एल्बम भी बनाए। आपको समय-समय पर अनेक सम्मानों से नवाजा गया है। वर्ष 2007 में महाराष्ट्र सरकार ने आपको “महाराष्ट्र प्राईड अवार्ड (Pride of Maharashtra Awards)” से सम्मानित किया। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला अत्यंत प्रतिष्ठित अवार्ड “लता मंगेशकर सम्मान (Lata Mangeshkar Award)” से भी आपको सम्मानित किया गया है। मराठी फिल्म “मी सिंधुताई सपकाल” के गाने “हे भास्करा क्षितिज वारी या” के लिए वर्ष 2011 में आपको उत्कृष्ट पार्श्व गायन की श्रेणी में “नेशनल अवार्ड” (National Award) से भी सम्मानित किया गया। गीत-संगीत के माध्यम से देश के प्रति आपकी अतुल्य सेवाओं के लिए वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा आपको पद्मश्री (Padma Shri) के अलंकरण से भी विभूषित किया गया है।